दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में हुई हिंसा के विरोध में अब लोग प्रदर्शन करने लगे हैं। लोगों का आरोप है कि एकतरफा कार्रवाई हो रही है। अब कुछ लोगों द्वारा अपील की जा रही है कि हिंदू समाज के लोग भी मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार/हमले के खिलाफ आवाज उठायें। पत्रकार अरफा खानम शेरवानी ने वीडियो शेयर किया तो फिल्ममेकर अशोक पंडित ने पलटवार किया है।
देश में हुए दंगों के खिलाफ जंतर-मंतर पर एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। जिसमें लोगों ने कहा देश में जबसे मोदी सरकार आई है तब से देश में हिंसा का माहौल बढ़ रहा है। ‘द वायर’ से बात करते हुए प्रदर्शन में शामिल कई लोगों ने हिंसा, सरकार, पुलिस पर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
यही वीडियो शेयर करते हुए पत्रकार आरफा खानम शेरवानी नाम ने लिखा कि ‘“हिंदू समाज को मुसलमानों के खिलाफ हो रहे हमलों पर आगे आकर बोलना चाहिए।”दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन।’ इस पर जवाब देते हुए फिल्ममेकर अशोक पंडित ने लिखा कि “पहले तुम खुद 7 लाख कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार पर आगे आकर बोलो। उसके बाद बोल बचन करो!”
लोगों की प्रतिक्रियाएं: विवेक गर्ग ने पत्रकार आरफा को जवाब देते हुए लिखा कि ‘पहले जहांगीरपुरी और पूरे भारत में शोभायात्रा पर हुए हमलों पर बोलो। छत पर मुसलमान पत्थर क्यों इकठ्ठा करते हैं। इस पर बोलो।’ निरंजन नाथ नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जब कश्मीरी पंडितों को मारा गया, नरसंहार किया गया तो मुस्लिम समाज के कितने लोगों ने इसका विरोध किया था?’
अनीता सिंह नाम की यूजर ने लिखा कि ‘हिंदुवो के लिए कौन बोलेगा जी? हां हिंदुओं की जिंदगी कोई मायने नहीं रखती? इस वक्त देश में हालात खराब हैं और अगर ज्यादा खराब हुए तो आप जैसे लोग जिम्मेदार होंगे और हैं भी। कुछ दिनों के लिए अपनी नफरत भरी बातें बंद कीजिये।’ सुनील खटिक नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आरफा ने हमलावरों को मजहब के आधार पर ना केवल बचाव किया, बल्कि मुस्लिम समाज को भी गुमराह कर उकसाया है।’
एक अन्य यूजर ने लिखा कि ‘और मुसलमानों को भी हिन्दुओं पर हो रहे पथराव का विरोध करने के लिए आगे आना चाहिए। Democracy नाम की ताली दोनों हाथों से बजती है।’ नीरज मिश्र नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपने ही समाज के लोगों को धक्के मारकर देश से बाहर धकेल देना चाहिए, जो इस देश में रहकर दंगे फैला रहे हैं।’