पिछले दिनों कश्मीर के एक मस्जिद का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें आजादी के नारे लगाए जा रहे थे। इसको लेकर जब लेखक आनंद रंगनाथन ने ट्वीट किया तो श्रीनगर के मेयर ने सीतापुर में महंत के विवादित बयान का जिक्र कर जवाब देने की कोशिश की। इस पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने जवाब देते हुए कहा कि ये तो फारुख अब्दुल्ला के फॉलोवर हैं।
आनंद रंगनाथन ने श्रीनगर के एक मस्जिद में लगाए गए आजादी के नारे का वीडियो शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा कि “श्रीनगर मस्जिद। 19 जनवरी 1990 को नहीं बल्कि आज।” जवाब में श्रीनगर के मेयर जुनैद अजीम मट्टू ने लिखा कि “खैराबाद, सीतापुर में एक मस्जिद के बाहर महंत – भीड़ के उत्साह में मुस्लिम महिलाओं को बलात्कार की धमकी दे रहे थे। ये 2 अप्रैल 2022 की घटना है।”
इसके जवाब में आनंद रंगनाथन ने लिखा कि “श्रीनगर के मेयर देशद्रोही, वर्चस्ववादी, इस्लामवादी नारों को एक मुस्लिम पूजा स्थल के अंदर, असभ्य या बदतर, प्रतिशोधात्मक, प्रतिक्रियावादी गुस्से के माध्यम से तर्कसंगत बना रहे हैं। क्या पता वह 1990 के जातीय सफाए का गुप्त रूप से समर्थन भी कर रहा होगा।” इस पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने जवाब दिया है।
अशोक पंडित ने जवाब देते हुए लिखा कि “आप मेयर की प्रतिक्रिया से चकित क्यों है? ये तो फारुख अब्दुल्ला का फॉलोवर है।” सोशल मीडिया पर अब भी लोग अब अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। विक्रम नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इसके नाम के आगे मट्टू लगा है, ये साहब भी कभी पंडित ही थे और आज?’
निशात नाम के यूजर ने लिखा कि ‘श्रीमान महापौर यदि आप इतने बड़े हो गए हैं तो क्या आपको दोनों घटनाओं की समान रूप से निंदा नहीं करनी चाहिए?’ पीयूष राज नाम के यूजर ने लिखा कि ‘यह श्रीनगर बनाम कश्मीर की राजनीति है जो दशकों से कश्मीरी अराजकता का मूल कारण है और अभी भी जिंदा है।’
चंदन दास नाम के यूजर ने लिखा कि ‘मुझे याद है कि मैं बहुत खुश था जब वो जीते और मेयर बने। लाइव टीवी कार्यक्रम पर पीएम ने उन्हें बधाई दी लेकिन ये तो अलग ही निकले।’ अरुण प्रधान नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ये सभी लोग एक जैसे हैं। उन सभी ने गुप्त रूप से समर्थन किया और उनके लिए धर्म, राष्ट्र से पहले आता है।’