पिछले ही महीने अपनी फिल्म ‘पिंक’ के ट्रेलर लॉन्च के दौरान अमिताभ बच्चन ने कहा था कि उनकी ख्वाहिश है कि वह बलात्कार मुक्त भारत देखना चाहते हैं। लैंगिक हिंसा और महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्याचार को लेकर बनी यह फिल्म शुक्रवार (16 सितंबर) को रिलीज हो चुकी है और बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन कर रही है। हाल ही में दिल्ली के अमन विहार इलाके में दो लड़कियों (एक नाबालिग) के साथ उनके दोस्तों के साथ सामूहिक बलात्कार कर दिया गया। जब अमिताभ से यह पूछा गया कि क्या ऐसा लड़कों का सही पालन-पोषण नहीं करने के चलते हो रहा है या लोगों में डर कम हो गया है? इस पर उन्होंने जवाब दिया – हां बिलकुल, जिस भी माहौल में आप पले-बड़े होते हैं कहीं न कहीं यह आपको प्रभावित करता है।

उन्होंने कहा- समाज के लोगों में जागरुकता होना जरूरी है। जब भी कहीं भी ऐसा होता है पूरे देश को इसकी फिक्र होती है। यह बहुत दुखद है कि कल जब हम इस बारे में बात कर रहे थे तभी मुझे एक पत्रकार का मैजेस आया कि एक पार्क में दो लड़कियों के साथ 5 युवकों ने सामूहिक बलात्कार किया। और यह देश के हर हिस्से में होता है। ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ दिल्ली, मुंबई या किसी विशेष इलाके में हो रहा है। जब भी मैं ऐसी किसी भी घटना के बारे में सुनता हूं तो मेरे दिल को बहुत तकलीफ होती है।

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गौरतलब है कि इस फिल्म में अमिताभ एक बुजुर्ग वकील की भूमिका में हैं जो कि एक महिला से उसके कैरेक्टर और वर्जिनिटी के बारे में सवाल पूछते हैं। महिला सशक्तिकरण के समर्थक अमिताभ ने कहा- यदि आप एक महिला से उसकी वर्जिनिटी के बारे में सवाल पूछते हैं तो आपको पुरुष से भी यह सवाल पूछना चाहिए। फर्क क्यों हो? बात यह है कि जब आप किसी महिला से यह पूछते हैं कि वह वर्जिन है या नहीं तो आम तौर पर इसे इस तरह लिया जाता है जैसे कि उसने कुछ गलत कर दिया हो, और उसके अंत में एक सवालिया निशान भी लगा दिया जाता है। और जब आप यही सवाल एक पुरुष से पूछते हैं तो उसके अंत में एक विस्मयादिबोधक चिह्न लगा देते हैं जिससे ऐसा लगता है कि उसने कोई गौरवान्वित करने वाली चीज की हो। ऐसा क्यों होता है? गौरतलब है कि ऐसा पहली बार है कि जब अमिताभ ने किसी वकील की भूमिका निभाई है।