Amitabh Bachchan: एक समय था जब महानायक अमिताभ बच्चन ने प्रेस से सारे नाते तोड़ दिए थे। 15 सालों तक अमिताभ बच्चन ने मीडिया से बात नहीं की थी। बिग बी ने इसके पीछे का कारण बताया था। उन्होंने खुद मीडिया के सामने आकर बताया था कि ऐसी क्या वजह थी कि बिग बी मीडिया से इतना नाराज हो गए थे। बिग बी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था- ‘पब्लिक लाइफ में जब भी कोई जाता है मीडिया, प्रेस उसके पीछे लग जाती है, लगना भी चाहिए।  1975 में जब देश में इमरजेंसी लगी थी उस समय फिल्म पत्रकारों ने ऐसा समझा, जो कि गलत समझा था कि जो इमरजेंसी के साथ सेंसरशिप आई थी उसमें मेरा हाथ था।’

अमिताभ बच्चन ने आगे कहा था कि – ‘प्रेस ने कहा था, ये आदमी इंदिरा गांधी जी का मित्र है। क्योंकि प्रेस सेंसरशिप इमरजेंसी की वजह से लगी, इसमें इसका भी हाथ है औऱ इसलिए हमें अमिताभ बच्चन को बैन कर देना चाहिए। तो उन लोगों ने मेरे बारे में लिखना बंद कर दिया, मेरी तस्वीरें छापना बंद कर दिया। यहां तक कि जब किसी फिल्म की स्टार कास्ट लिखनी होती थी तो मेरे नाम के अलावा सभी सितारों का नाम लिखा जाता था, मेरे नाम की जगह पर कॉमा लगा दिया जाता था।’

अमिताभ ने आगे बताया था- ‘मुझे ऐसा लगा कि अगर प्रेस को ऐसी छूट है कि मुझे बैन कर सकती है तो मुझे भी छूट होनी चाहिए कि मैं उन्हें बैन कर दूं। यही वजह है कि कभी मेरी शूटिंग होती थी या पत्रकार मुझसे मिलना चाहते थे तो मैं उनसे मिलने से इनकार कर दिया करता था। ये सिलसिला कुछ 15 साल तक चला। इसके बाद मैं राजनीति में गया। राजनीति में बात उल्टी थी क्योंकि इस तरफ मेरी फिल्में थीं जिनमें मैं काम किया करता था, लेकिन इस तरफ राजनीति में जनता के साथ एक संबंध स्थापित करना पड़ता है। उसके लिए प्रेस-मीडिया बहुत जरूरी है।’

अमिताभ ने आगे कहा था- ‘इस बीच मुझ पर कई तरह के लांछन भी लगाए गए। मुझ पर और मेरे परिवार के ऊपर कई आरोप लगाए गए, जिसका मैं विरोध करना चाहता था। क्योंकि मैं प्रेस से बात नहीं कर रहा था तो मुझे इस भूल का अहसास हुआ। फिर मैंने पत्रकारों से माफी मांगी औऱ उन्होंने भी मेरी मित्रता को स्वीकार किया। उसके बाद से उन्होंने कभी कोई ऐसा व्यवहार नहीं किया जिससे कि वह जता सकें कि ‘आपने हमसे 15 साल बात नहीं की अब हम आपको दिखाएंगे’ ऐसा प्रेस ने कभी नहीं किया। अपना नाम सिद्ध करने की, सफाई देने की जो मैंने लड़ाई लड़ी, एक प्रधानमंत्री के खिलाफ एक सरकार के खिलाफ जो लड़ाई मैंने जीती उसमें प्रेस का और पत्रकारों का बहुत बड़ा योगदान रहा, क्योंकि उन्होंने मेरी तरफ की बात को भी छापना शुरू किया।’