फ़िल्म दबंग (2010) के डायरेक्टर अभिनव कश्यप ने एक बार फिर खान परिवार और सलमान खान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। SCREEN से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने बताया कि किस तरह फ़िल्म से जुड़े क्रेडिट उनसे छीने गए और उन्हें बाहर कर दिया गया। साथ ही उन्होंने अपनी दूसरी फ़िल्म बेशर्म (2013) की असफलता और रणबीर कपूर व उनके परिवार की भूमिका पर भी बात की।
अभिनव ने कहा, “उन्होंने (अरबाज़) उन चीज़ों का क्रेडिट लिया जो उन्होंने की ही नहीं थीं। यह उनकी करियर की एक ऐतिहासिक फ़िल्म थी और उन्हें पूरा श्रेय चाहिए था। मेरे लिए यह भी एक तारीफ़ ही है। सफलता के कई मालिक होते हैं, असफलता का कोई नहीं। ‘दबंग’ के बाद मेरे साथ जो हुआ, ‘बेशर्म’ के बाद ठीक उल्टा हुआ। मुझे ‘दबंग’ से बाहर कर दिया गया, क्रेडिट साझा नहीं किया गया। मुझे लगता है कि खान परिवार ने जानबूझकर अरबाज़ को सेट-अप करने के लिए ऐसा किया।”
उन्होंने बताया कि उस समय विरोध करने का साहस नहीं था, क्योंकि उनका सपना सिर्फ़ फ़िल्म पूरी करना था। “जब मैंने फ़िल्म पूरी की, उन्हें अहसास हुआ कि उनके पास एक हिट प्रोडक्ट है। फिर सबको क्रेडिट चाहिए था और मार्केटिंग के दौरान मुझे किनारे कर दिया गया। मेरा सपना सिर्फ़ फ़िल्म बनाना था, तो लड़ाई करने का क्या मतलब? उन्होंने चालाकी से मेरा नाम हटवाया। मैं बहुत नया था, पहली फ़िल्म कर रहा था, इसलिए चुपचाप हट जाना ही ठीक लगा।”
अभिनव के मुताबिक, “‘दबंग’ अरबाज़ के लिए खुद को आर्थिक रूप से स्थापित करने का मौका था। उन्होंने शर्त रखी कि वह तभी काम करेंगे अगर वह प्रोड्यूसर बनें, और मैंने मान लिया। उन्होंने सारे अधिकार अपने पास रख लिए। लेकिन जब पहली प्रिंट देखी तो उन्हें समझ आया कि उनके पास अच्छा प्रोडक्ट है। उसके बाद मुझे मार्केटिंग से हटा दिया गया और क्रेडिट साफ़ करने की प्रक्रिया शुरू हो गई।”
उन्होंने दबंग 2 को लेकर भी खुलासा किया। “मैं ‘दबंग 2’ छोड़कर खुश था, लेकिन फर्क तब पड़ा जब वे मुझे परेशान करने लगे। यही वजह थी कि मैंने किनारा कर लिया। उन्हें एक ऐसा निर्देशक चाहिए था जो गुलाम की तरह उनकी बात माने। वे मेरी क्रिएटिविटी का इस्तेमाल करते, क्रेडिट लेते और पैसे कमाते। मुझे यह पहले पार्ट में ही समझ आ गया था, इसलिए पता था कि सीक्वल में भी वही होगा – न सम्मान, न नाम, न पैसा, न क्रेडिट।”
कश्यप ने कहा कि उन्हें शुरुआत से ही लग गया था कि सीक्वल में भी उनके साथ अन्याय होगा। “दर्शकों के दबाव में वे चाहते थे कि मैं ही सीक्वल बनाऊं। लेकिन उनकी योजना साफ़ थी – मुझे सिर्फ़ स्क्रिप्ट लिखवानी थी। उन्हें पता था कि असली ताक़त स्क्रिप्ट में है। उसी आधार पर उन्होंने मुझे डायरेक्ट करने दिया। उसके बाद वे मुझे निकाल देते, इसलिए मैंने पहले ही किनारा कर लिया।”
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खान परिवार से आमने-सामने आने के सवाल पर उन्होंने कहा, “मैं निजी इंसान हूं, ज़्यादा पार्टियों में नहीं जाता और टकराव से बचता हूं। मैं उनसे नहीं मिला, लेकिन एक बार यशराज में गाना रिकॉर्ड कर रहा था और सलमान बगल वाले स्टूडियो में ‘एक था टाइगर’ के लिए डबिंग कर रहे थे। लोग उत्साहित होकर उनसे मिलने दौड़े, लेकिन मैं नहीं गया। अगर उसे मिलना होगा तो वह खुद मेरे पास आ जाएगा। मैं इन लोगों को बर्दाश्त नहीं कर सकता।”
अपनी दूसरी फ़िल्म बेशर्म (2013), जिसमें रणबीर कपूर, ऋषि कपूर और नीतू कपूर थे, के बारे में उन्होंने कहा, “‘बेशर्म’ नहीं चली तो पूरा दोष मुझ पर डाल दिया गया। ‘दबंग’ चली तो सारा श्रेय ले लिया। दोनों ही फ़िल्मों में थप्पड़ मुझे ही पड़ा। मुझे रणबीर और उनके परिवार में एक पार्टनर मिला, लेकिन यह कामयाब नहीं हो पाया। फिर सारा इल्ज़ाम मुझ पर डाल दिया गया। रणबीर ने भी कहा कि उन्हें ‘बेशर्म’ करने का अफ़सोस है। अब मैं इन सब बातों पर हंसता हूं।”
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