उद्योगपति और योग गुरु बाबा रामदेव के एलोपैथी पर दिए गए एक विवादित बयान के बीच उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ जयेश एम लेले उन पर बुरी तरह भड़कते दिख रहे हैं। आज तक के डिबेट शो के इस वीडियो में शो की एंकर अंजना ओम कश्यप भी बाबा रामदेव की एक बात से बेहद नाराज़ हो गईं। दरअसल डिबेट के बीच बाबा रामदेव कोरोनिल का प्रदर्शन कर रहे थे जिस पर अंजना ओम कश्यप ने उनसे कहा कि डिबेट को वो प्रचार का मंच न बनाएं।

बाबा रामदेव और डॉ लेले के बीच तीखी बहस हो रही थी जहां अंजना ओम कश्यप बाबा रामदेव को शांत होकर जवाब सुनने के लिए कह रही थीं। इसी बीच बाबा रामदेव के स्क्रीन स्पेस पर कोरोनिल फ्लैश होने लगा जिसे देख कश्यप ने गुस्से ने कहा, ‘ये कोरोनिल दवा को हटा दीजिए न सर, इस डिबेट को प्रचार का मंच मत बनाइए।’

डॉक्टर लेले ने भी कोरोनिल के प्रदर्शन पर आपत्ति जताई और बोले, ‘ पहले मैं ये क्लियर कर देना चाहता हूं कि ये अगर चुप बैठेंगे तो ही मैं कुछ कह पाऊंगा। इनके फोटो फ्रेम में क्यों कोरोनिल दवाई बार- बार दिखाई जा रही है? क्या चल रहा है ये एडवर्टाइजमेंट के लिए? कोरोनिल निकाल दीजिए उधर से। इन्हे एलोपैथी पर कमेंट की खुजली क्यों थी?’

 

 

आईएमए महासचिव के बोलने के बीच बाबा रामदेव बोले जा रहे थे जिस पर डॉ लेले भड़क गए और योग गुरु को कई बार चुप रहने के लिए कहा। डॉ लेले ने कहा, ‘जब आप कोरोना की बात कर रहे हैं, कोरोना की बात कीजिए। कल ही आपके डेयरी प्रोडक्ट का ऑफिसर बंसल कोरोना से मर गया।’

इसी बीच जब बाबा रामदेव बोलने लगे तो डॉ लेले ने उन्हें डांटते हुए कहा, ‘अभी आप चुप बैठेंगे, चुप बैठिए आप। बिल्कुल मत बोलिए। जब मैं बोल रहा हूं तो आप नहीं बोलेंगे।’

उनकी बात पर बाबा रामदेव भी गुस्से में आ गए और पूछने लगे कि उन्हें चुप कराने वाले वो कौन होते हैं। उन्होंने कहा, ‘आप चुप कराने वाले कौन होते हैं मुझे? आईएमए का अधिकारी होने से आप मेरे ऊपर कोई जोर जबरदस्ती नहीं कर सकते।’

 

आपको बता दें कि बाबा रामदेव ने हाल ही में बयान दिया था कि कोरोना से जितने लोग नहीं मरे उससे कहीं अधिक एलोपैथी दवाइयों के सेवन से मरे हैं। उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ और कई जगह उन पर केस भी दर्ज हुए। विवाद बढ़ा तो बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया लेकिन अब एक बार फिर उन्होंने एलोपैथी पर सवाल उठाए हैं।

 

सोमवार को उन्होंने आईएमए और फार्मा कंपनियों को एक खुला खत लिखा जिसमें उन्होंने 25 सवाल पूछे हैं। उन्होंने अपने सवालों के साथ यह भी पूछा है कि अगर एलोपैथी सर्वशक्तिमान और सर्वगुण संपन्न है तो फिर एलोपैथी के डॉक्टर बीमार क्यों होते हैं।