वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ट्विटर पर बेहद एक्टिव रहते हैं। थोड़ी देर पहले ही उन्होंने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा कि लोग कह रहे हैं कि अब वो बदल गए हैं और लेफ्टिस्ट हो गए हैं। उन्होंने एक फोन कॉल का किस्सा ट्विटर पर सुनाया जिसपर यूजर्स भी जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग आशुतोष को इस ट्वीट के लिए ट्रोल भी कर रहे हैं।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘एक गिद्ध ने फोन किया। उलाहना देने लगे- आप बदल गए हैं, पहले मध्यमार्गी थे, अब लेफ्टिस्ट हो गए। मैं मुस्कुराया, बोला, मैं तो वहीं हूं। पहले आप फ्री सोसाइटी वाले थे, अब लव जिहादी हो गए हैं। वो थोड़ा संकुचाए, बोले- आप तो जानते हैं सर्वाइवल भी एक आर्ट है। उनकी ईमानदारी पर मैं कुर्बान।’ रवीश कुमार पैरोडी अकाउंट से ट्वीट किया गया, ‘गिद्धों ने अपने सरदार की नाकामियों को छुपाने के लिए भरपूर कोशिश कर रखी है।’
डॉक्टर दीपक पांडे नाम से एक यूज़र ने ट्वीट किया, ‘गिद्ध कब से कौवे को फोन करने लगे? लेफ्टिस्ट तो तुम तभी से हो जब से कांशीराम ने लेफ्ट हाथ से लेफ्ट गाल चमकाया था।’ जतन ठक्कर नाम के यूज़र ने आशुतोष पर निशाना साधा, ‘गिद्ध जरूर कांग्रेसी रहा होगा। शुक्र मनाओ कांशीराम की आत्मा प्रवेश नहीं हुई, नहीं तो आप न पत्रकार रहे हो, न राजनेता, कौन आपके साथ खड़ा होता? वैसे भी थप्पड़ के साथ कोरोनावायरस फ्री मिल ही रहा है, बच गए आप।’
एक गिद्ध ने फ़ोन किया।
उलाहना देने लगे-आप बदल गये हैं,पहले मध्यमार्गी थे,अब लेफ्टिस्ट हो गये।
मै मुस्कुराया।बोला मैं तो वहीं हूं।पहले आप फ़्री सोशायटी वाले थे,अब लव जेहादी हो गये हैं।
वो थोडा संकुचाये।बोले आप तो जानते हैं-‘सरवाइवल’ भी एक आर्ट है।
उनकी ईमादारी पर मैं क़ुर्बान।— ashutosh (@ashutosh83B) December 11, 2020
न्यूज जॉकी नाम के एक यूज़र ने लिखा, ‘सर्वाइवल भी एक आर्ट है। वो शायद जिसकी नौकरी नहीं होगी उसके लिए ही कहे होंगे। आखिर उन्हें तो एक पक्ष ही रखना पड़ता है, पैसे जो मिलते हैं।’ अभिजीत लिखते हैं, ‘उस गिद्ध से गुजारिश है कि खुलकर सामने आए।’
डीजे वेफारर लिखते हैं, ‘काबा किस मुंह से जाओगे गालिब, शर्म तुमको मगर नहीं आती। एक से एक बेशर्म लोग देखे हैं लेकिन आपने बेशर्मों के शिखर पुरुष को भी पीछे छोड़ दिया, बधाई हो। तुम्हें कुर्बान तो उस की ईमानदारी पर होना ही था क्योंकि तुम में तो ईमानदारी ज़रा भी नहीं।’ विनय नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘सर्वाइवल की ही बात है, कल तक शिवसेना आशुतोष के लिए सांप्रदायिक थी, आज धर्मनिरपेक्ष हो गई।’