अभिनेता विनोद खन्ना एक वक़्त बॉलीवुड में बड़े स्टार माने जाते थे। उनकी फ़िल्में अमिताभ बच्चन की फिल्मों को टक्कर देतीं थीं। विनोद खन्ना की फिल्म ‘बॉम्बे 405 माइल्स’ ने भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया। इस फिल्म में विनोद खन्ना ने शत्रुघ्न सिन्हा और जीनत अमान के साथ काम किया था। फिल्म के सेट पर एक भयानक हादसा हुआ था जिसने पूरी फिल्म इंडस्ट्री में खलबली मचा दी थी।
दरअसल फिल्म का एक फाइट सीन फिल्माया जा रहा था। सेट पर विनोद खन्ना मौजूद नहीं थे। शूट के दौरान ही एक फाइटर की जान चली गई जिसके बाद उसके परिवार की मदद विनोद खन्ना ने की थी। इस किस्से का ज़िक्र जूनियर महमूद ने इंडिया आस्क को दिए एक इंटरव्यू में किया था। उन्होंने बताया था, ‘फिल्म की शूटिंग के दौरान कमालिस्तान स्टूडियो में एक फाइट सीन में किसी फाइटर की जान चली गई। एक्सीडेंट था, जान से हाथ धो बैठे बेचारे। उस दिन सेट पर विनोद खन्ना मौजूद नहीं थे।’
जूनियर महमूद ने आगे बताया था, ‘पूरी इंडस्ट्री में हाहाकार मच गया, इंडस्ट्री में बात आग की तरह फ़ैल गई। सबको दुःख हुआ। पर विनोद खन्ना ने, जबकि इनके सामने कुछ भी बीता नहीं था, चूंकि ये उस फिल्म के हीरो थे तो कलिग होने के नाते आउट ऑफ़ द वे जाकर उनके घर वालों के लिए इन्होने जो किया… इतनी बड़ी शोहरत के मालिक या पैसे वाले स्टार, शायद इतना बहुत कम लोग कर पाते हैं। बहुत ही नेक इंसान थे।’
विनोद खन्ना जब अपने करियर के पीक पर थे तब उन्होंने फ़िल्मी दुनिया को अलविदा कह दिया था। विनोद खन्ना आध्यात्म की तरफ मुड़ गए थे और आचार्य रजनीश (ओशो) के पास अमेरिका चले गए थे। विनोद खन्ना करीब 5 सालों तक वहां रहे और फिर वापस लौट आए थे। विनोद खन्ना जब आध्यात्म की तरफ मुड़े, उनके परिवार से भी उनका रिश्ता कमज़ोर हो गया और साल 1985 में उन्होंने पत्नी गीतांजलि से तलाक ले लिया।
ओशो 1987 में अमेरिका से वापस भारत आए थे। बताया जाता है कि जब वो भारत वापस आए तो आर्थिक रूप से बेहद कमज़ोर हो चुके थे। मर्सिडीज से चलने वाले विनोद खन्ना टैक्सी से फ़िल्में पाने के लिए निर्देशकों के चक्कर लगाते। विनोद खन्ना को फ़िल्में मिली भी लेकिन पहले की तरफ वो अपनी फिल्मों से कमाल नहीं दिखा पाए।