Vinod Khanna Death Anniversary: हिंदी फ़िल्म जगत के मशहूर अभिनेता रहे विनोद खन्ना को गुजरे हुए आज 4 साल हो गए हैं। विनोद खन्ना का आज ही दिन यानि 27 अप्रैल 2017 को निधन हो गया था। वो जब बॉलीवुड में सक्रिय थे तब अमिताभ बच्चन के स्टारडम को टक्कर दिया करते थे। दोनों ने साथ में कई फिल्में भी की जिनमें विनोद खन्ना का अभिनय अमिताभ बच्चन को टक्कर देता था। लोगों के बीच भी विनोद खन्ना अमिताभ बच्चन जितने ही लोकप्रिय हो रहे थे लेकिन इसी बीच उनकी जिंदगी में कुछ ऐसी घटनाएं हुईं कि वो फिल्म जगत छोड़ अचानक आध्यात्मिक की तरफ मुड़ गए और ओशो से जुड़ गए।
साल 1980 का दौर था, विनोद खन्ना का स्टारडम अमिताभ बच्चन को टक्कर दे रहा था और तभी विनोद खन्ना ने हिंदी फ़िल्म जगत को अलविदा कह दिया। विनोद खन्ना उन दिनों 26-27 साल के रहे होंगे तब उनके परिवार में अचानक कई लोगों की मृत्यु हो गई। अपनों की मृत्यु के इस दुखद अनुभव ने उन्हें आध्यात्मिकता की तरफ मोड़ दिया और उन्होंने सन्यास ले लिया।
विनोद खन्ना ने बताया था, ‘मौत ने जिंदगी की सच्चाई से मेरा सामना करवा दिया। मेरे परिवार में छह-सात महीने में चार लोग एक के बाद एक मर गए। उनमें मेरी मां भी थी। मेरी एक बहुत अजीज़ बहन थी। मेरी जड़ें हिल गई। मैंने सोचा, एक दिन मैं भी मर जाऊंगा और मैं खुद के बारे में कुछ भी नहीं जानता हूं। दिसंबर 1975 में एकदम मैंने तय किया कि मुझे ओशो के पास जाना है। मैं दर्शन में गया। ओशो ने मेरे से पूछा, क्या तुम संन्यास के लिए तैयार हो? मैंने कहा, मुझे पता नहीं, लेकिन आपके प्रवचन मुझे बहुत अच्छे लगते है। ओशो ने कहा तुम संन्यास ले लो। तुम तैयार हो। बस, मैंने संन्यास ले लिया।’
विनोद खन्ना ने ओशो के राजनीशपुरम में टॉयलेट साफ करने और लोगों के जूठे बर्तन धोने का भी काम किया। उन्हें एक इंटरव्यू में बताया था, ‘मैंने वहां टॉयलेट साफ किया और लोगों के जूठे बर्तन धोए। उनके (ओशो) कपड़े मुझ पर ट्राई किए जाते थे क्योंकि हम दोनों की कद काठी एक जैसी थी।’
विनोद खन्ना फिल्मों से कई साल तक दूर रहे थे लेकिन जब दोबारा 1987 में उन्होंने कमबैक किया तो दर्शकों ने भरपूर प्यार दिया। उनकी फिल्में इंसाफ़, सत्यमेव जयते सुपरहिट रही थीं। जब वो आए तो कहा जाने लगा कि अगर वो बॉलीवुड छोड़कर न जाते तो अमिताभ बच्चन के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी होते।
इसके जवाब में विनोद खन्ना ने कहा था, ‘नहीं, ऐसा नहीं है। बच्चन की लोकप्रियता हमेशा से रही है। वो शोले और दीवार जैसी फिल्में कर चुके हैं। उनका करियर बहुत ही अद्भुत रहा है।’ विनोद खन्ना को आखिरी बार साल 2015 में शाहरुख खान और काजोल की फिल्म दिलवाले में देखा गया था।