आखिरकार कांग्रेस के चुनावी प्रबंधक प्रशांत किशोर उर्फ पीके की टीम के साथ कांग्रेस संगठन की खटपट शुरू हो गई है। टीम पीके को लेकर कांग्रेस संगठन शुरू से ही असमंजस की स्थिति में था। उत्तराखंड के कांग्रेसी पहले दिन से ही पीके टीम के सदस्यों को गले नहीं उतार पा रहे थे। टीम पीके की प्रदेश कांग्रेस संगठन से अब चुनाव सामग्री को लेकर खटपट तेज हो गई है। टीम पीके के पास कांग्रेसी की चुनावी सामग्री छापने का ठेका है। टीम पीके इस बार के विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनाव प्रचार की रणनीति की सर्वेसर्वा बनी हुई है। एक महीने पहले ऋषिकेश में उत्तराखंड कांग्रेस का कार्यकर्ता सम्मेलन टीम पीके की देखरेख में ही हुआ था। टीम पीके ने ही राहुल गांधी के ऋषिकेश कार्यकर्ता सम्मेलन के बैनर पोस्टर डिजाइन किए थे। कार्यकर्ता सम्मेलन के बैनर पोस्टर में जो नारे लिखे थे, वे भी टीम पीके ने ही तैयार किए थे।
‘उत्तराखंड खुशहाल, रावत पूरे पांच साल’ का नारे के साथ टीम पीके ने स्वाभिमान यात्रा रथ बनाया था। इसमें केवल मुख्यमंत्री हरीश रावत की ही फोटो थी। इस रथ से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की फोटो नदारद थी। तब से ही टीम पीके और प्रदेश कांग्रेस में टकराव शुरू हो गया था, जो विधानसभा चुनाव आते आते विस्फोटक स्थिति में पहुंच गया। टीम पीके ने कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव सामग्री समय पर नहीं पहुचाई है। जिन विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार सामग्री पहुंचाई भी गई है, वह भी पर्याप्त मात्रा में नहीं है। इसको लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में टीम पीके के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक टीम पीके केवल मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्रों किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण में जोर शोर से लगी है। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में टीम पीके भरपूर सामग्री पहुंचा रही है। जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के विधानसभा क्षेत्र सहसपुर में चुनाव सामग्री पहुंचाने और चुनावी रणनीति बनाने को लेकर टीम पीके उदासीन रवैया अपनाए हुए है। इससे किशोर उपाध्याय समर्थकों में आक्रोश है। टीम पीके की लापरवाही के चलते कई प्रत्याशियों को झंडे बिल्ले नहीं मिल पा रहे हैं। चुनाव सामग्री को लेकर टीम पीके और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में कई बार तीखी बहस भी हो चुकी है। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट और प्रदेश सचिव गिरीश चन्द्र पुनेड़ा ने टीम पीके की पार्टी के हाईकमान को शिकायत भी की है। टीम पीके और प्रदेश कांग्रेस संगठन के बीच जो खटपट चल रही है उसका कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में खामियाजाना भुगतना पड़ सकता है।