देश के सबसे बड़े राज्य यूपी के चुनावी नतीजों पर सबकी नजर रहती है। 11 फरवरी के मतदान से पहले चुनावी नतीजों को लेकर एक और सर्वे आया है। इंडिया स्पेंड द्वारा कराए गए सर्वे में भाजपा को बढ़त दी गई है, लेकिन इस सर्वे में शामिल  यूपी के 40 फीसदी मतदाता दुविधा में दिखे। यूपी में 13 करोड़ से ज्यादा वोटर हैं जो नार्थ अमेरिका की आबादी से भी ज्यादा है।  सर्वे में वोटर्स  से पहला सवाल था कि उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण  चुनावी मुद्दा क्या  है। उनसे यह भी पूछा गया कि उनके लिए चुनाव में सबसे पसंदीदा पार्टी कौन सी है। इसके लिए मतदाताओं को समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, भाजपा और बसपा समेत चार पार्टियों का विकल्प दिया गया। सर्वे के ओवरऑल विश्लेषण के अनुसार 28 प्रतिशत लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वोट कर किया। वहीं 18 प्रतिशत लोगों ने समाजवादी पार्टी (सपा) के पक्ष में वोट किया। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को 4 फीसदी वोटरों ने अपनी पसंद माना। वहीं केवल 1 प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस को वोट किया। इस सर्वे में इस बात का आंकलन नहीं किया गया है कि किस पार्टी को कितनी सीटों पर जीत मिलेगी।

40 फीसदी लोग ये तय नहीं कर पा रहे थे कि वो किस नेता को वोट करें। आधी से ज्यादा महिलाएं तय नहीं कर पा रहीं थीं कि वो अपना नेता किसे चुनें। वरिष्ठ पॉलिसी शोधकर्ता नीलांजन सरकार ने कहा  – सर्वे में जो बात सबसे चौंकाने वाली थी वो थी वोटरो को ये नहीं पता कि वो किसे वोट दें या किस पार्टी का समर्थन करें। ऐसी  महिलाओं में से 38 फीसदी बैकवर्ड क्लास से और 21 फीसदी दलित थी। कई वोटर्स ऐसे भी थे जो चुनाव में परिवार की बात करते थे लेकिन वोट किसको देना है ये उन्होंने चुनाव से एक या दो दिन पहले तय करने की बात कही।

यूपी का चुनाव सात चरणों मे होना है। इंडिया स्पेंड ने अपने सर्वे में 2513 रजिस्टर्ड वोटर्स का इटंरव्यू लिया।  सर्वे  24 जनवरी से 31 जनवरी के बीच कराया गया था।  सर्वे में 40 फीसदी से ज्यादा लोग ये तय नहीं कर पा रहे थे कि वो किस पार्टी को वोट दें।

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अगर पिछले चुनाव की बात करें तो 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा को 81 फीसदी वोट मिले थे। वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 224, बसपा को 80 भाजपा को 74, कांग्रेस को 28 सीटें मिली थीं।