मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जिले इटावा में शिवपाल गुट के अध्यक्ष सुनील यादव अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी कार्यालय पर कब्जा बरकरार रखने के लिए दिन-रात पार्टी कार्यालय पर जमे हुए हैं, जिससे अखिलेश गुट के अध्यक्ष गोपाल यादव के सामने खासी मुश्किल आ रही है। गुरुवार की शाम जैसे ही सपा मुख्यालय की ओर से गोपाल यादव की नियुक्ति की खबर आई, वैसे ही शिवपाल गुट के जिलाध्यक्ष सुनील यादव अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ सिविल लाइन स्थित पार्टी कार्यालय पर आ धमके। सुनील यादव कार्यालय पर कब्जा बरकरार रखने के इरादे से पार्टी कार्यालय में रात के अंधेरे में सो रहे हैं। असल में शिवपाल गुट के अध्यक्ष सुनील यादव शिवपाल यादव को यह दिखाना चाहते हैं कि अभी इटावा में उनकी ताकत कम नहीं हुई है, इसलिए वे अपने समर्थकों के साथ पार्टी कार्यालय पर कब्जा जमाए हुए हैं। दोपहर 11 बजे के बाद सपा में दो जिलाध्यक्षों के घमासान के बीच पार्टी कार्यालय का फर्नीचर क्षतिग्रस्त हुआ है। प्लास्टिक के साथ स्टील की कुर्सियां भी टूट गर्इं। जब तक नए जिलाध्यक्ष गोपाल यादव अपने समर्थकों के साथ पार्टी कार्यालय नहीं पहुंचे थे तब तक तो फर्नीचर दुरुस्त था। लेकिन इसके बाद कार्यकर्ता कार्यालय में पड़ी कुर्सियों पर खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे। इसके बाद तो अधिकतर कुर्सियां टूटकर बराबर हो गर्इं।
दोनों नेता अपने को जिलाध्यक्ष मान रहे थे और गोपाल यादव सुनील को पूर्व अध्यक्ष कहकर संबोधित कर रहे थे, पर सुनील यादव गोपाल को अध्यक्ष मानने को कतई तैयार नहीं थे। पार्टी दफ्तर में गोपाल यादव लगभग डेढ़ घंटे तक रहे और इसके बाद वे अपने समर्थकों के साथ वापस चले गए। लेकिन सुनील बराबर अपने समर्थकों के साथ पूरे दिन कार्यालय पर डटे रहे। सुरक्षा की दृष्टि से देर शाम तक सपा कार्यालय के बाहर पुलिस बल तैनात रहा। सपा कार्यालय पर टकराव की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी की थी। पूरे दिन प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी पार्टी कार्यालय के बाहर जमे रहे। अपर पुलिस अधीक्षक रामकिशुन यादव, अपर जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार, उपजिलाधिकारी सदर सुभाष चंद्र प्रजापति, सिटी मजिस्ट्रेट जगतपाल सिंह, सीओ सिटी राघवेंद्र सिंह, सीओ शिवराज सिंह व कई थानों के पुलिस बल क्यूआरटी टीम, पीएससी, महिला पुलिस व फायर बिग्रेड की गाड़ी पूरे दिन मौजूद रही।
सपा के दो जिलाध्यक्ष पूरे दिन शहर में चर्चा का विषय रहे। पार्टी में चल रही उठा- पटक पिछले कई दिनों से चर्चा का विषय बनी हुई है। लेकिन गुरुवार को जब अखिलेश गुट के गोपाल को जिलाध्यक्ष बनाने की घोषणा की गई तब से लोगों में यह चर्चा शुरू हो गई थी कि अब सपा का जिलाध्यक्ष गोपाल होंगे या फिर सुनील। सुनील यादव का कहना है कि 9 जनवरी को चुनाव में पार्टी का फैसला होना है, जो भी निर्णय आएगा तब तक किसी को भी अध्यक्ष के तौर पर स्वीकार करने का सवाल पैदा नहीं होता। लेकिन गोपाल हमारे भाई समान है इसलिए उनका स्वागत करने का हमारा फर्ज बनता है। उधर अखिलेश गुट के गोपाल यादव का कहना है कि पार्टी के नए अध्यक्ष नरेश उत्तम ने उनको मुख्यमंत्री अखिलेश के निर्देश पर इटावा इकाई का अध्यक्ष बनाया गया है, जिसकी खबर पार्टी मुख्यालय से भी कार्यालय पर आ चुकी है। लेकिन उनके स्तर पर ऐसा कोई काम नहीं किया जा रहा है, जिससे सवाल खड़े किए जाएं। उन्होंने कहा कि सुनील यादव ने स्वीकार किया है कि 9 जनवरी तक चुनाव आयोग के निर्देशों को देख लेने दें।

