उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को ‘गंगा-जमुना’ का संगम करार देते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की ‘नीयत’ साफ नहीं है और वह सपा के साथ मिलकर उनकी ‘क्रोध’ की राजनीति का मुकाबला करेंगे। राहुल ने कहा, ‘इस गठबंधन से उनके अखिलेश से निजी और राजनीतिक संबंध गहरे हुए हैं। यह गंगा और जमुना का संगम है, जिसमें से तरक्की की सरस्वती निकलेगी। हम क्रोध और गुस्से की राजनीति को रोकना चाहते हैं क्योंकि इससे जनता को नुकसान हो रहा है। जो क्रोध भाजपा और संघ फैला रहे हैं, उसका मुकाबला करने के लिए हम एक साथ आये हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश के डीएनए में क्रोध नहीं बल्कि प्रेम और भाईचारा है।’
संघ और भाजपा पर हमला जारी रखते हुए राहुल ने उन्हें फासीवादी करार दिया और कहा कि उनकी नीयत साफ नहीं है जबकि अखिलेश की नीयत सही है और उन्होंने पिछले पांच साल कोशिश भी की। जो अखिलेश की नीयत है वही उनकी (राहुल) नीयत है और ‘राजनीति नीयत पर होती है।’ कांग्रेस के साथ मिलकर 300 से अधिक सीटों पर जीत का दावा करते हुए अखिलेश ने कहा, ‘साइकिल (सपा का चुनाव निशान) के साथ हाथ (कांग्रेस का निशान) हो तो सोचो रफ्तार कितनी होगी। हम दो पहिये हैं। विकास का और खुशहाली का। ये गठबंधन प्रेम और सदभाव बढाने का काम करेगा।’
राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी की शैली में कहा कि हम ‘पीपीपी (प्रोग्रेस, प्रास्पेरिटी और पीस) यानी प्रगति, संपन्नता एवं शांति’ के लिए उत्तर प्रदेश में काम करेंगे। उनके साथ मौजूद अखिलेश ने एक कदम आगे बढते हुए कहा कि वह पीपीपी में एक ‘पी’ और जोडते हैं कि यह गठबंधन ‘पीपुल्स एलायंस’ जनता का गठबंधन बनकर उभरेगा। राहुल ने कहा कि वह नये तरह की राजनीति करना चाहते हैं और युवाओं को विकल्प देना चाहते हैं। सपा के साथ कांग्रेस का गठबंधन ‘अवसरवादी गठबंधन’ नहीं है बल्कि दिल का गठबंधन है।
कांग्रेस के गढ अमेठी और रायबरेली में सीटों को लेकर सहमति बनने से जुडे़ सवाल पर राहुल ने कहा कि अमेठी या रायबरेली ‘केंद्रीय मुद्दा’ नहीं है बल्कि केंद्रीय मुद्दा यह है कि हमें उत्तर प्रदेश को बदलना है और भाजपा एवं संघ की झूठ की राजनीति तथा नोटबंदी की राजनीति को खत्म करने के लिए हम साथ मिलकर लड़ रहे हैं। चुनाव प्रचार में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को शामिल किया जाएगा या नहीं, इस सवाल पर अखिलेश ने कहा, ‘दोनों का आशीर्वाद बना रहे, तो भी जीत मिल जाएगी।’
राहुल की बहन प्रियंका वड्रा और अखिलेश की सांसद पत्नी डिम्पल यादव के चुनाव प्रचार में उतरने के बारे में किये गये प्रश्न पर जहां राहुल ने कहा कि यह प्रियंका पर निर्भर करता है कि वह इस बारे में क्या फैसला करती हैं वहीं अखिलेश ने कहा कि डिम्पल सांसद हैं और वह खुद तय करेंगी कि उन्हें क्या करना है।

