भाकपा महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी यदि राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में छोटी पार्टियों के साथ चुनावी गठबंधन करती है तो वह सत्ता में लौट सकती है। रेड्डी ने यहां कहा, ‘यह बहुत ही कड़ा मुकाबला होगा। कह नहीं सकते कि यदि वे अकेले लड़ें तो (वे सत्ता में लौट आएंगे) लेकिन यदि वे अन्य दलों के साथ किसी तरह का गठबंधन कर सकें, निश्चित तौर पर वे (सत्ता) बरकरार रख पाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘छोटी पार्टियां कभी कभी मायने रखती हैं। प्रत्येक विधानसभा में ऐसे ध्रुवीकरण वाली स्थिति में दो हजार से तीन हजार वोट इधर से उधर होने से मदद मिलती है।’ सपा में जारी आतंरिक झगड़े पर रेड्डी ने कहा कि ऐसा लगता है कि अधिकतर पदाधिकारी और कार्यकर्ता मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हैं जो युवा मतदाताओं को भी आकर्षित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पार्टी को अपने ‘खून पसीने’ से खड़ा करने वाले मुलायम सिंह को अपने छोटे भाई शिवपाल यादव के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है जिसे ‘लोग उनके व्यवहार और तरीके के कारण पसंद नहीं करते।’ उन्होंने कहा कि वामदल उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी चुनावी रणनीति पर एक ‘एकीकृत निर्णय’ करेंगे। रेड्डी ने कहा, ‘हम सभी सीटों पर नहीं लड़ना चाहते क्योंकि हम वोटों को विभाजित नहीं करना चाहते जिससे भाजपा को मदद मिल सकती है। साथ ही हम ‘वहां उम्मीदवार खड़ा नहीं करके राजनीतिक आत्महत्या नहीं कर सकते जहां वाम का अच्छा आधार’ है। हम अपनी राजनीति लड़ाई जारी रखेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हम चाहते है कि भाजपा पराजित हो।’

