यूपी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मंगलवार को अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में गांधी परिवार और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अलावा पूर्व सांसद व बाहुबली नेता रिजवान जहीर और एक पूर्व बसपा राष्ट्रीय महासचिव ब्रजलाल खाबरी भी शामिल हैं। कांग्रेस ने पहले चरण के चुनावों के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट चुनाव आयोग को भेजी है। इसमें 40 नाम दिए गए हैं जो 11 फरवरी को होने वाले चुनावों की 73 सीटों के लिए प्रचार करेंगे।
लिस्ट में कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी शामिल किया गया है, जिनमें सुशील कुमार शिंदे, भूपिंदर सिंह हुड्डा और अशोक गहलौत हैं। इसके अलावा पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार और अहमद पटेल, कमल नाथ, शीला दीक्षित, राज बब्बर व गुलाम नबी आजाद सरीखे नेता भी इस लिस्ट में हैं। युवा चेहरे के तौर पर सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नगमा और दिपेंदर सिंह हुड्डा का नाम दिया है।
हालांकि जहीर और बृजलाल खाबरी का नाम कई लोगों के लिए चौंकाने वाला रहा। खासकर तब जब दोनों को ही कांग्रेस में शामिल हुए अभी तीन से चार महीने ही हुए हैं। प्रसिद्ध बाहुबली जहीर सितंबर 2016 में कांग्रेस से जुड़े थे। समाजवादी पार्टी के साथ जहीर 1996 और 1999 में दो बार सांसद बने लेकिन 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने सपा छोड़ दी। 2004 और 2009 का लोकसभा चुनाव उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की श्रावस्ती सीट से लड़ा लेकिन हार गए। 2014 के चुनाव में वह पीस पार्टी उम्मीदवार रहे लेकिन जीत नहीं मिली। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, जहीर बलरामपुर जिले के हरैया पुलिस स्टेशन का पूर्वापराधी (हिस्ट्रीशीटर) है।
Congress releases list of campaigners for upcoming assembly elections in Uttar Pradesh; Priyanka Gandhi also on the list #UPpolls pic.twitter.com/UMthxwvWwW
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 24, 2017
वहीं, कांग्रेस का इरादा अक्टूबर 2016 में पार्टी ज्वाइन करने वाले ब्रजलाल खाबरी से दलित बहुल इलाकों में प्रचार कराने का है। बुंदेलखंड के जालौन जिले से जीतने वाले खाबरी 1999 से 2004 तक सांसद रहे और 2008 से 2014 के बीच बसपा के राज्यसभा सदस्य रहे। करीब 30 सालों तक बीएसपी में रहने वाले खाबरी का कहना है, “मैंने काफी समय तक बीएसपी के साथ काम किया, लेकिन अब मेरी जिम्मेदारी लोगों को बताना है कि सिर्फ कांग्रेस ही उनका उत्थान कर सकती है। मैं लोगों को बताउंगा कि किस तरह बसपा बहुजन के आंदोलन से सर्वजन की ओर चली गई है। “