उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होने में महज कुछ दिन बाकी रह गये हैं लेकिन करीब 40 प्रतिशत मतदाता अब भी इस अनिश्चितता से घिरे हैं कि वे किसे वोट दें। एक ताजा सर्वेक्षण में यह दावा किया गया है। इंडियास्पेंड और फोर्थ लॉयन टेक्नॉलॉजीज द्वारा गत 24 से 31 जनवरी के बीच प्रदेश में किये गये लाइव टेलीफोन सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आये हैं। इनमें से 60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपनी-अपनी पार्टियां चुन ली हैं जबकि 40 प्रतिशत मतदाता अब भी अनिश्चितता से घिरे हुए हैं। सर्वेक्षण के दौरान 2513 लोगों से बात की गयी थी।

सर्वेक्षण के मुताबिक इस बार चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बिजली की किल्लत (28 प्रतिशत) का है। उसके बाद बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था और विकास (20 प्रतिशत) का मुद्दा प्रमुख है। इसके अलावा पानी की किल्लत तथा स्वच्छ पानी की अनुपलब्धता (10 प्रतिशत), परिवहन एवं सड़कें (सात प्रतिशत), भोजन की किल्लत (चार प्रतिशत), नोटबंदी (तीन प्रतिशत), कानून-व्यवस्था (तीन प्रतिशत), भ्रष्टाचार (दो प्रतिशत), साफ-सफाई एवं शौचालय (दो प्रतिशत), स्कूल एवं शिक्षा (दो प्रतिशत), स्वास्थ्य, अस्पताल एवं चिकित्सा सेवाएं (एक प्रतिशत) तथा कृषि एवं खेतीबाड़ी (एक प्रतिशत) भी मुख्य मुद्दों में शामिल हैं।

सर्वेक्षण के मुताबिक करीब 87 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि अगर सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से पर्यावरण प्रदूषण में कमी आती है तो वह सौर ऊर्जा निर्मित बिजली का प्रयोग करना चाहेंगे। इसके अलावा 94 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि अगर बेहतर उपलब्धता हो तो वह आने-जाने के लिये बस का इस्तेमाल करना चाहेंगे। जनमत सर्वेक्षण सेवा उपलब्ध कराने वाली संस्था फोर्थ लॉयन टेक्नॉलॉजीज द्वारा कराये गये सर्वेक्षण के मुताबिक लगभग 46 प्रतिशत शहरी मतदाताओं ने कहा कि वे जिस हवा में सांस लेते हैं, वह प्रदूषित हो चुकी है, जबकि 26 प्रतिशत ग्रामीण मतदाता भी ऐसा ही मानते है। प्रदेश के 18 साल या उससे अधिक उम्र के 2513 पंजीकृत मतदाताओं से टेलीफोन पर बातचीत करके यह सर्वेक्षण किया। यह पूरा सर्वेक्षण हिन्दी में किया गया और इसे पूरे प्रदेश में रैंडमिंग डायलिंग के जरिये किया गया ताकि राज्य के हर भाग के मतदाताओं की रायशुमारी हो सके।