साल 2008 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक इलाके नौगांवा सादात को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाया गया था। यह क्षेत्र पहले अमरोहा विधानसभा के अंतरगत था। इलाके के लोगों का दावा है कि अलग विधानसभा होते ही यहां के विकास की स्थिति में बदलाव आया है। बीते कई सालों में जितना विकास यहां नहीं हुआ था वह अलग क्षेत्र बनते ही हुआ। वहीं क्षेत्र में ऐसी भी एक बस्ती है जहां पर विकास की साइकिल अभी तक नहीं पहुंची है। एक छोटा सा इलाका है मोहल्ला बुध बाजार। दरअसल इस मोहल्ले के नाम की भी मजेदार कहानी है। यहां पर एक बड़ा मैदान है जहां पर कई सालों से बुधवार के दिन बाजार-हाट लगता है। इस बाजार में दूर-दराज के गांवों से लोग व्यापार करने आते हैं।
इसी मोहल्ले में एक खस्ताहाल बस्ती में वाल्मीकि समाज के कई घर हैं। लगभग 200 घरों का यह मोहल्ले मुस्लिम बहुल इलाका है। इन्ही के बीच वाल्मीकि समाज के भी कई लोगों के घर मौजूद हैं। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़के बनाने में पांचवें स्थान पर रहा, लेकिन इस मोहल्ले की सड़कें आज भी कच्ची हैं। बरसात में सड़कें चलने लायक नहीं रहती। वाल्मीकि समाज के रहने वाले ज्यादातर लोग सरकारी सफाई कर्मचारी हैं लेकिन इनके मोहल्ले में साफ-सफाई कि स्थिति बदहाल। उल्टा इनके घरों के सामने ही कूड़े का ढेर लगे हुए हैं।
वीडियो रिपोर्ट
वहीं सबसे दुखद बात यह है कि आज भी इस समाज के लोग भेदभाव का शिकार हो लगे हैं। मोहल्ले के एक निवासी सचिन ने बताया कि उन्हें केंद्र या प्रदेश सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। वहीं कॉनोली के कई लोगों का दावा है कि भेदभाव के चलते उन्हें एलपीजी सिलेंडर, मकान निर्माण, शौचालय निर्माण जैसी योजनाओं के अलावा प्रदेश सरकार की लैपटॉप वितरण और स्कॉलरशिप योजनाओं से भी महरूम रखा गया। समाज के भीतर इस बात को लेकर काफी गुस्सा है।




