पश्चिमी उत्तर प्रदेश का चांदपुर विधानसभा क्षेत्र। यह इलाका बिजनौर जिले में पड़ता है। रात के साढ़े 9 बजे हैं और मैं मोहल्ला जामा मस्जिद की गलियों में घूम रहा हूं। लाइट न होने की वजह से बहुत गहरा अंधेरा है। इस क्षेत्र में आगामी 15 फरवरी को यानी दूसरे चरण में वोटिंग होनी है। चुनाव का वक्त है इसलिए सभी पार्टियां तैयारियों में जुटी हुई हैं। सभी उम्मीदवार सुबह होते ही दूरदराज के गांवों में जनसभाएं-प्रचार करने निकल जाते हैं और रात को पूरे दिन का ब्यौरा देकर, कार्यकर्ता अगले दिन की रणनीति तैयार करते हैं। सभी पार्टियों के उम्मीदवारों के कार्यालयों में अंधेरा नहीं है। इसकी वजह बिजली का लगातार आना नहीं है बल्कि कार्यालयों पर बिजली का इंतजाम जेनरेटर-इंवर्टर से हो जाता है।

शायद हर किसी के लिए जेनरेटर-इंवर्टर खरीदना आसान नहीं होता इसलिए जामा मस्जिद इलाके की सड़कों के साथ-साथ लोगों के घरों में भी गहरा अंधेरा पसरा हुआ है। यह अंधेरा कभी बिजली न होने की वजह से तो कभी स्ट्रीट लाइट्स खराब होने की वजह से भी कायम रहता है। सर्दियों में फिर भी रात कुछ हद तक आसानी से कट जाती है लेकिन गर्मियों में रहना दुश्वार हो जाता है। बहरहाल ठंठ काफी है और रात के वक्त मोहल्ले की किसी सड़क पर कुछ नौजवान लड़के अलाव जलाए हुए हाथ ताप रहे हैं। क्योंकि चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है इसलिए वे अपने क्षेत्र के चुनावी मौसम के बारे में भी बातचीत कर रहे हैं। वहीं सभी के साथ मैंने भी अंधेरे में ही बातचीत की और जानने की कोशिश की कि आखिर इनके मुद्दे क्या है? सभी ने अपनी-अपनी बातें कहकर यह जानकारी दी कि आखिर वह आने वाले समय में चुने जाने वाले अपने क्षेत्र के नेताओं से क्या उम्मीद रखते हैं।

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