क्रिकेटर से राजनेता बने और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया के बीच आज (सोमवार, 18 फरवरी) विधान सभा में गर्मा गरम बहस हो गई। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। हालात ऐसे बिगड़े कि विधान सभा अध्यक्ष ने मार्शल को भाजपा और अकाली विधायकों को सदन से बाहर करने का आदेश सुना डाला। दरअसल, बजट सत्र के तीसरे दिन जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई अकाली दल और भाजपा के विधायकों ने नवजोत सिंह सिद्धू का विरोध करना शुरू कर दिया। थोड़ी ही देर में अकाली विधायक सिद्धू के पाकिस्तान दौरे की तस्वीर सदन में लहराने लगे जिसमें वो पाकिस्तान आर्मी चीफ के साथ गले मिलते हुए दिख रहे थे।
सिद्धू ने अपने भाषण में सदन में कहा कि लंगर पर से जीएसटी हटाने का काम राज्य की अमरिंदर सिंह सरकार ने किया है। इसी बीच बिक्रम मजीठिया ने उनकी बात काटने की कोशिश की। जब टोकने पर भी मजीठिया नहीं रुके तो सिद्धू ने कहा, “तुम्हें जब तक चिट्टे का तस्कर नहीं कहूंगा, तब तक तुम रुकोगे नहीं।” इस पर मजीठिया उबल पड़े और सिद्धू पर आरोप लगाने लगे। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर निजी आरोप लगाए। सिद्धू इतने पर ही नहीं रुके। वो मजीठिया को सदन से धक्का देकर बाहर निकालने के लिए जैसे ही उनकी तरफ आगे बढ़े, कांग्रेसी विधायकों ने उन्हें घेर कर रोक लिया। इसी दौरान कांग्रेस नेता सुखजिन्दर रंधावा भी सिद्धू के साथ आ खड़े हुए और वो भी मजीठिया के खिलाफ बोलने लगे। सदन में हंगामा देख स्पीकर ने दोपहर एक बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी सिद्धू गुस्से में चिल्लाते रहे।
सदन से बाहर आते ही नवजोत सिद्धू ने मीडिया से कहा, “जहां मैं पहले खड़ा था, आज भी और कल भी वहां अडिग रहूंगा। ये मेरी रुह की आवाज है। ये मेरी पार्टी का स्टैंड है। और मैं उस स्टैंड के साथ अटल हूं। आतंकवाद से कोई समझौता नहीं हो सकता। आतंकवाद को कुचलना चाहिए और उससे ज्यादा आतंकवाद के घिनौने मंसूबों को कुचलना ज्यादा जरूरी है।” सिद्धू ने कहा, “मैं पूछना चाहता हूं कि 1999 के कंधार की घटना में शामिल लोगों को किसने रिहा किया? इसकी जिम्मेदारी किसकी है? हमारी लड़ाई उनके खिलाफ है। फौजी क्यों मरें? आतंकवाद का अब तक कोई स्थायी समाधान क्यों नहीं हुआ?” उन्होंने कहा कि जवान सैनिकों के शहादत का सबसे ज्यादा गम होता है। बता दें कि पुलवामा हमले पर टिप्पणी को लेकर सिद्धू विवादों में हैं।