उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में उतर चुके हैं। सूबे में कई ऐसी सीटें हैं, जहां खास नेताओं या किसी खास पार्टी का लंबे वक्त से दबदबा रहा है। आजमगढ़ जिले की आजमगढ़ सीट भी ऐसी ही है, जहां सपा का वर्चस्व रहा है। यहां आज तक बीजेपी नहीं जीत पाई है। 1991 के चुनाव में राम मंदिर अभियान के लहर के बाद भी बीजेपी को आजमगढ़ की सीट पर जीत नसीब नहीं हुई थी। वहीं 2017 विधानसभा चुनाव में मोदी-योगी लहर के बावजूद बीजेपी आजमगढ़ सीट नहीं जीत पाई थी।
पिछले 5 बार से लगातार जीत रहे दुर्गा यादव: आजमगढ़ की विधानसभा सीट से वर्तमान में समाजवादी पार्टी के दुर्गा प्रसाद यादव विधायक हैं। वह पिछले 5 चुनावों से लगातार जीतकर विधानसभा में पहुंचे रहे हैं। 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 में दुर्गा प्रसाद यादव ने आजमगढ़ की सीट से विजय प्राप्त की। यही नहीं, दुर्गा प्रसाद यहीं से 1985 में निर्दलीय चुनाव जीतकर भी विधानसभा पहुंचे चुके हैं।
जबकि 1989 और 1991 में जनता दल के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा था और जीत प्राप्त की थी। उसके बाद 1996 से लगातार उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतकर विधानसभा पहुंचे।
जातीय समीकरण : अगर हम आजमगढ़ विधानसभा की बात करें तो यहां का जातीय समीकरण समाजवादी पार्टी के लिए मुफीद बैठता है। इस सीट पर मुस्लिम-यादव मतदाता अच्छी संख्या में हैं और यही चुनाव की दिशा को तय करते हैं। बाकी सवर्ण और दलित मतदाता भी यहां पर ठीक-ठाक हैं।
अब तक कभी नहीं जीती बीजेपी: बता दें कि आजादी के बाद आजमगढ़ सीट पर अब तक 16 बार चुनाव हो चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी को एक बार भी जीत नसीब नहीं हुई है। 2 बार प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, 2 बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, 1 बार भारतीय क्रांति दल , 1-1 बार इंदिरा कांग्रेस और इंडियन नेशनल कांग्रेस, 1 बार बीएसपी, 1 बार निर्दलीय, 2 बार जनता दल और 5 बार समाजवादी पार्टी ने आजमगढ़ सीट से जीत प्राप्त की है।
