विधानसभा चुनावों में अब सोशल मीडिया का खूब प्रयोग हो रहा है। अब इसी का जमाना है। इसका असर यह है कि देश के किसी कोने में एक वृद्ध महिला ने कोई बात किसी से कही और वह बात अगर सोशल मीडिया पर किसी ने शेयर कर दिया तो संभव है कि वह प्रधानमंत्री तक भी पहुंच जाए। मैनपुरी में एक वृद्ध महिला का एक पत्रकार को दिया यह बयान “मैंने मोदी का नमक खाया है, धोखा नहीं देंगे” भी पीएम मोदी तक पहुंच गया। उसे बीजेपी उत्तर प्रदेश ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर दिया। इस बयान पर लोगों ने खूब कमेंट किए। कहा कि नमक मोदी का नहीं देश का नमक है।

चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने भी इस वीडियो और वृद्ध महिला के बयान का जिक्र किया। महिला के प्रति पीएम मोदी ने आभार भी जताया। इसको लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं। योगेंद्र कुमार @Yogendr11147821 नाम के एक यूजर ने लिखा कि “यही तो आप की राजनीति है। जनता को असली मुद्दों से भटका कर, 5kg राशन पर भटका दिया। राशन छोड़कर, उनके बच्चों को रोजगार दे देते तो उन्हें राशन लेने की जरूरत नहीं होती। आप यही चाहते हो देश की जनता के हाथ में कटोरा रहे।”

ईश्वरदत्त मौर्या@IshwarDuttMaur1 नाम के दूसरे यूजर ने लिखा, “जनता ने आपको दूसरी बार देश की बागडोर सौंपी है।क्या जनता का एहसान भूल गए आप जो 5 किलो गेहूं चावल देकर जनता को अपना गुलाम समझ रहे हैं सरकार का काम क्या है?यदि आप सबको हर महीने 30- 40,000 रुपए दिए होते इस पर आप बोलते तो कुछ समझ में आता है।”

ओम नारायण तिवारी@ontiwariji· नाम के एक यूजर ने लिखा, “हिन्दुस्तान में एक बुजुर्ग महिला ने नमक के प्रति वफादारी बिचारधारा को प्रकट किया लेकिन हिन्दुस्तान में कुछ ऐसे संगठन और कुछ लोग हैं जो हिन्दुस्तान आजादी के पहले और आजादी के बाद भी आजाद हिन्दुस्तान के साथ नमकहालाली कर रहे हैं।”

पत्रकार अजीत अंजुम ने लिखा कि, ‘मोदी एहसान भाव में ऐसे बोल रहे हैं कि जैसे वाकई इन्होंने फिक्स डिपाजिट तोड़कर सब को खाना खिलाया है… नमक खिलाया है.. कर्जदार होना चाहिए। उस बुजुर्ग महिला ने तो बोला लेकिन पीएम भी ऐसे बोल रहे हैं जैसे…।’ उत्कर्ष सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा कि, ‘काश पीएम ने एक बार यह बोल दिया होता कि ना मां ना, आपने मोदी का नहीं.. आपने अपनी मेहनत का नमक खाया है.. तो कितना अच्छा लगता। खैर चुनाव है तो लोगों को एहसान तले दबाव महसूस कर आना भी जरूरी होता होगा।