मध्य प्रदेश में डेढ़ दशक से राज कर रही भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के खिलाफ जनता में जगह-जगह आक्रोश देखने को मिल रहा है। मंदसौर विधायक को थप्पड़ और नागदा विधायक को जूतों की माला मिलने के बाद अब नीमच जिले की जावद विधानसभा में दिग्गज नेता ओमप्रकाश सखलेचा को भी खासे विरोध का सामना करना पड़ रहा है। धीरे-धीरे यहां मुकाबला भाजपा बनाम कांग्रेस की बजाय कांग्रेस बनाम निर्दलीय होता जा रहा है। सखलेचा का विरोध उनकी ही पार्टी और जाति के लोग कर रहे हैं। यहां कांग्रेस के राजकुमार अहीर और निर्दलीय समंदर पटेल मैदान में है।
स्टार प्रचारक भी बेअसर
क्षेत्र में मुख्यमंत्री समेत कई दिग्गज स्टार प्रचारक पार्टी के लिए चुनाव कर चुके हैं। इसके बावजूद सखलेचा का कैंपेन प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में पिछड़ता नजर आ रहा है। उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी हो रही है। उन्हीं के इलाके में ‘सखलेचा कहना मान ले, बोरी-बिस्तर बांध ले’ और ‘भाजपा नहीं हारेगी, सखलेचा का अहंकार हारेगा’ जैसे नारे लग रहे हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक सखलेचा को टिकट दिए जाने से नाराज पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने वंशवाद का आरोप लगाया था। इसके साथ ही नगर परिषद चुनाव में उन पर अपनी ही पार्टी और जाति के प्रत्याशी के खिलाफ काम करने का आरोप लगा था। इसके चलते उनका दोनों स्तर पर विरोध हो रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे हैं ओमप्रकाश सखलेचा
उल्लेखनीय है कि जावद विधानसभा क्षेत्र में सखलेचा का परिवार लंबे समय से राज कर रहा है। खुद ओमप्रकाश सखलेचा यहां से लगातार तीसरी बार विधायक हैं और चौथी बार मैदान में है। सखलेचा के पिता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सखलेचा भी यहां से कई बार विधायक रह चुके हैं। वीरेंद्र कुमार राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। एक ही परिवार को बार-बार प्रतिनिधित्व मिलने से बाकी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है।