‘शेखावटी का दिल है सीकर’, ऐसा कुछ उस वक्त सुनाई दिया जब सीकर रेलवे स्टेशन से निकलकर मैं कुछ राह चलते लोगों से चुनाव की हवा का रुख जानना चाह रहा था। शेखावाटी यानी राजस्थान के पूर्वोत्तर भाग में मौजूद एक ऐतिहासिक इलाका जिसपर शेखावत राजपूतों का शासन हुआ करता था।
हवा का रुख जानने की कोशिश में इतना तो समझ आया की सीकर लोकसभा में मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है। यहां मौजूदा बीजेपी सांसद सुमेधानंद सरस्वती एक बार फिर मैदान में हैं। उनके सामने सीपीएम नेता अमरा राम को इंडिया गठबंधन ने अपना उम्मीदवार बनाया है। यानी इस बार बीजेपी का मुकाबला सिर्फ अमरा राम से होगा, पहले की तरह कांग्रेस और सीपीएम से नहीं।
किस ओर है हवा?
सीकर रेलवे स्टेशन के करीब चाय की दुकान पर बैठे चर्चा कर रहे आनंद एक बैंक कर्मचारी हैं। वह इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी अमरा राम के पक्ष में माहौल बताते हुए कहते हैं–‘जाट मतदाता एकजुट हो रहा है, सुमेधानन्द सरस्वती के बाहरी उम्मीदवार होने की भी काफी चर्चा है। अब जाट जाट को ही चुनेगा तो लोकल को चुनेगा, बाहरी को क्यों?’ मोदी फैक्टर पर बात करते हुए आनंद कहते हैं कि दो बार इसका काफी प्रभाव था लेकिन अब सीकर में ‘जाट फैक्टर’ चलने वाला है।
सीकर लोकसभा में जाट मतदाताओं की बड़ी तादाद है और ग्रामीण इलाकों में वह निर्णयाक भूमिका में होते हैं।
शहर के रामलीला मैदान इलाके में रह रहे कमल शर्मा ने रेलवे के विस्तार का हवाला देते हुए बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बताया और कहा–‘बाबा (सुमेधानंद सरस्वती को यहां बाबा कहकर पुकारा जाता है) ने यहां कई ट्रेने रुकवाई हैं, इससे आम लोगों को बहुत आसानी हुई। मेडिकल कॉलेज बनवाया है। खेल मैदान बनवाए हैं। लोग उनके काम से खुश हैं, वही चुनकर आएंगे। फिर मोदी जी का जादू भी काम करेगा।’
जाट बोर्डिंग पर बयान : बाबा को भारी पड़ेगा?
हमें शहर के जाट बाज़ार इलाके में पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट बलबीर चौधरी मिले, वह मौजूदा सांसद की हाल ही में जाट बोर्डिंग (हॉस्टल) को लेकर की गई टिप्पणी से खासे नाराज नज़र आए।

बलबीर कहते हैं–‘इस बार सांसद जी की हवा खराब है, उन्होने जाट छात्रों के विरुद्ध बयान दिया है इसलिए अमरा राम लीड में हैं और जीत दर्ज करेंगे।’
मौजूदा सांसद सुमेधानन्द सरस्वती ने चुनाव प्रचार के दौरान एक बयान दिया था। बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल है। जिसमें उन्होने ‘जाट बोर्डिंग का ज़िक्र करते हुए कहा था कि इलाके में गुंडागर्दी का अड्डा जाट बोर्डिंग ही है। उनका यह बयान भी इलाके में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है और खासकर ग्रामीण इलाकों में इसका काफी प्रभाव बताया जाता है।
इस मुद्दे को लेकर बीजेपी के प्रधान चुनाव कार्यालय में हमें मिले गिरीश प्रधान कहते हैं–‘यह वीडियो काट-छाट का पेश किया गया है। सांसद जी ने जाट बोर्डिंग को लेकर कुछ गलत नहीं कहा है बल्कि उन्होंने तो यह भी कहा था कि जाट बोर्डिंग से बड़े-बड़े लोग भी निकले हैं, लेकिन जाट बोर्डिंग के सामने माजूद सीपीएम ऑफिस से माहौल खराब हो रहा है।’

जाट बोर्डिंग (हॉस्टल) सीकर रेलवे स्टेशन के करीब है और ठीक इसके करीब सीपीएम का ऑफिस है। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि हॉस्टल पर सीपीएम का काफी प्रभाव है। मौजूदा सांसद के बयान का आधार भी यही कहा जा रहा है।
‘अमरा राम को धोखा देंगे कांग्रेस नेता’
बीजेपी का समर्थन कर रहे महेश खोखर ने कहा कि सीपीएम नेता अमरा राम को चुनाव लड़वाना एक चाल है।–‘गोविंद सिंह डोटासरा (पीसीसी चीफ) खुद के ऊपर हार का ठीकरा नहीं फोड़ना चाहते थे इसलिए कॉमरेड को आगे किया गया है। कांग्रेस के स्थानीय नेता कभी नहीं चाहेंगे कि अमरा राम इस सीट पर कब्जा जमा ले, इसलिए वह अमरा राम को हरवा देंगे।’
इस सवाल के जवाब में कांग्रेस के प्रधान कार्यालय में मौजूद किशन पारीक कहते हैं कि कांग्रेस का हर नेता प्रचार में जुटा है, अगर ऐसा होता तो कहीं से तो कोई आवाज़ अमरा राम के खिलाफ सुनाई देती।’
अग्निवीर का सवाल और मौजूदा सांसद का विरोध
सीकर में सांसद सुमेधानंद सरस्वती से जुड़े कई वीडियो यह कहकर वायरल किए जा रहे हैं कि उन्हें आसपास के कुछ गांवों में प्रचार नहीं करने दिया गया और उनका विरोध हुआ है। अग्नवीर योजना के मुद्दे को इंडिया गठबंधन खास तौर पर उठाता दिख रहा है। जाट बोर्डिंग (हॉस्टल) में मौजूद युवाओं ने अग्नवीर के मुद्दे पर नाराजगी ज़ाहिर की। उनका कहना था कि सीकर और आसपास के इलाकों से नौजवान सेना में भर्ती होते थे लेकिन अग्निवीर योजना से उनका सपना टूटा है।
लोकल अमरा राम VS बीजेपी के राष्ट्रीय मुद्दे
अमरा राम के लिए स्ट्रॉंग पॉइंट सामने रखते हुए धोद (गांव) के महेंद्र महला ने कहा–अमरा राम या उनकी पार्टी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके लिए सांसदी का चुनाव इतना मजबूत हो जाएगा, वह बिना यह सोचे मेहनत कर रहे थे। लोगों के मुद्दों को उठा रहे थे। उनके साथ उठ-बैठ रहे थे, ज़मीन पर थे, काफी काम किया और अब जब कांग्रेस ने उनका समर्थन कर दिया तो यह चुनाव उनके लिए बहुत आसान हो गया है।’
महला के साथी अभिषेक ने राष्ट्रीय मुद्दों का ज़िक्र कर कहा–‘यहां बाबा अगर जीतेगा तो वजह सनातन होगी। राम मंदिर के निर्माण से भी लोग खुश हैं और मोदी फैक्टर भी चल सकता है।’

सीकर शहर के कई इलाकों में घूमकर, दोनों उम्मीदवारों के प्रधान कार्यालयों तक पहुंच कर और कई लोगों से मिलने के बाद प्रमुखता से सीकर में जाति काफी हावी दिखाई देती है। पहले की तरह इस बार भी कांग्रेस और सहयोगी दल बीजेपी उम्मीदवार के बाहरी होने को मुद्दा बनाते दिख रहे हैं। इंडिया गठबंधन के साझा उम्मीदवार के तौर पर अमरा राम स्ट्रॉंग हुए हैं। बाबा के लिए प्लस पॉइंट ‘रेल रुकी है’ लाइन का आम होना हो सकता है। बीजेपी उम्मीदवार के लिए जाट बोर्डिंग पर दिया बयान भी मुश्किलें खड़ी कर सकता है। सीकर में मतदान 19 अप्रैल को होगा और परिणाम 4 जून को सामने आएंगे।