पंजाब में भाजपा इस बार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींढसा की पार्टी शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ चुनाव लड़ेगी। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इस गठबंधन में भाजपा ही ‘बड़े भाई’ की भूमिका में रहेगी। राज्य की 117 विधानसभा सीटों में से कौनसी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, यह एक-दो दिन में तय हो जाएगा।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। सूत्रों के मुताबिक राज्य की लगभग 70 सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस के हिस्से में 30 और सुखदेव ढिंढसा को 20 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि अभी समझौता नहीं हुआ है। इसी हफ्ते भाजपा की संसदीय दल की बैठक होनी है। इस बैठक के बाद ही उम्मीदवारों के नाम का एलान और सीट बंटवारे की घोषणा होगी।
पंजाब में भाजपा 25 साल से शिरोमणि अकाली दल के साथ चुनाव लड़ती आई है। राज्य में भाजपा हमेशा छोटे भाई की भूमिका में रही है और उसके हिस्से 20 से 25 सीटें ही आया करती थीं, लेकिन अब भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के रास्ते अलग हो चुके हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता का कहना है कि पंजाब में इस बार भाजपा की स्थिति अच्छी है और पार्टी इस बार बड़े भाई की भूमिका में रहेगी।
गठबंधन के तीनों दलों के बीच सीट बंटवारे को तय करने और संयुक्त घोषणा पत्र के लिए मुद्दों तय करने के लिए तीनों दलों ने अपने दो-दो नेताओं को शामिल कर 28 दिसंबर को एक छह सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया था। इसी संयुक्त समिति की सिफारिश के आधार पर ही सीटों के बंटवारे का फैसला किया जाएगा।