PM in Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को (8 मार्च) वाराणसी पहुंच चुके हैं। यहां उन्होंने खुद फावड़ा चलाकर विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद काशी को नई पहचान मिलेगी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर वाराणसी में ही नेशनल विमिन लिवलीहुड मीट 2019 को संबोधित करने पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘काशी ही वह धरती है, जिसने देश को वीरांगना मणिकर्णिका यानी झांसी की रानी दी।’’
39 हजार वर्गमीटर में बनेगा कॉरिडोर : बता दें कि इस प्रोजेक्ट के तहत काशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तार 39 हजार वर्गमीटर में किया जाएगा। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी करीब ढाई घंटे तक बाबा विश्वनाथ के दरबार में ही रहे। पीएम मोदी विशेष विमान से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से हेलिकॉप्टर द्वारा पुलिस लाइन आकर सड़क मार्ग से काशी विश्वनाथ मंदिर गए।
वाराणसी में विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने National Women Livelihood Meet 2019 कार्यक्रम को संबोधित किया और महिला सशक्तीकरण की बात की। पीएम मोदी करीब ढाई घंटे तक वाराणसी में रहे। इसके बाद वे कानपुर के लिए रवाना हो गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कहा, ‘‘यह वही काशी है, जिसने देश को वीरांगना मणिकर्णिका यानी झांसी की रानी दी, जिन्होंने गुलामी की जंजीरों में जकड़े भारत में नई ऊर्जा का संचार किया था। महिला सशक्तिकरण की बड़ी प्रतीक देवी अहिल्याबाई होल्कर ने ही बाबा विश्वनाथ के मंदिर को वर्तमान स्वरूप देने का काम किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में कहा, ‘‘अच्छा हुआ कि भोलेबाबा ने हमारे भीतर एक चेतना जगाई। इसके कारण 40 से ज्यादा पुरातात्विक मंदिर इस पूरे धाम के अंदर से मिले। अब इन मंदिरों की मुक्ति का रास्ता भी खुला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में कहा, ‘‘अच्छा हुआ कि भोलेबाबा ने हमारे भीतर एक चेतना जगाई। इसके कारण 40 से ज्यादा पुरातात्विक मंदिर इस पूरे धाम के अंदर से मिले। अब इन मंदिरों की मुक्ति का रास्ता भी खुला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में कहा, ‘‘अच्छा हुआ कि भोलेबाबा ने हमारे भीतर एक चेतना जगाई। इसके कारण 40 से ज्यादा पुरातात्विक मंदिर इस पूरे धाम के अंदर से मिले। अब इन मंदिरों की मुक्ति का रास्ता भी खुला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सदियों से काशी दुश्मनों के निशाने पर रही। यह पता नहीं कितनी बार ध्वस्त हुई। यह शहर अपने अस्तित्व के बिना जीता रहा, लेकिन यहां की आस्था ने इसे पुनर्जीवित किया और यह क्रम सदियों से चल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कहा- जब महात्मा गांधी यहां आए थे, तो उनके मन में भी यही पीड़ा थी कि भोले बाबा का स्थान ऐसा क्यों? और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में बापू अपने मन की व्यथा बताने से खुद को रोक नहीं पाए थे।
वाराणसी में विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास करने के बाद पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने कहा कि मैं यहां खुद नहीं आया हूं, बुलाया गया हूं।
पीएम मोदी ने समाजवादी पार्टी का नाम लिए बिना कहा- मेरे कार्यकाल के शुरुआती तीन साल तक प्रदेश में असहयोग का माहौल रहा, जिसके चलते विश्वनाथ कॉरिडोर का काम नहीं हो सका। जब आपने उत्तर प्रदेश में योगी जी को मौका दिया तो इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया। अगर पहले तीन साल में सहयोग मिला होता तो आज हम विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन कर रहे होते।
विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब काशी को नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि पहले यह परिसर चारों तरफ से घिरा हुआ था। लोगों ने सरकार का साथ दिया और करीब 300 संपत्तियां कॉरिडोर के लिए अधिग्रहीत करने दी गईं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास कर दिया है। इस दौरान उन्होंने खुद ही फावड़ा भी चलाया। बता दें कि पीएम मोदी शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे वाराणसी पहुंचे और वे करीब तीन घंटे तक अपने संसदीय क्षेत्र में ही रहेंगे।
विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान वे करीब ढाई घंटे तक काशी विश्वनाथ मंदिर में ही रहेंगे। साथ ही, भगवान भोलेनाथ का पूजन भी करेंगे।