Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने ईवीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्षी दलों ने रविवार (14 अप्रैल) को ईवीएम में गड़बड़ी को ले कर बैठक की और कहा कि कम से कम 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग को लेकर वे उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू विपक्ष की अगवानी कर रहे हैं, जो चोरी के आरोपी ‘एक्सपर्ट’ से किरकिरी करा चुके हैं। इस बात चुनाव आयोग ने उनसे जवाब भी तलब किया है।
चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि 21 राजनीतिक दल 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से कराए जाने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले नायडू ने शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात कर ईवीएम गड़बड़ी का मामला उठाया था। एक ज्ञापन सौंप आरोप लगाया था गया, “बीते बृहस्पतिवार को राज्य में मतदान के दौरान बड़ी संख्या में ईवीएम में खराबी पाई गई थी और सुरक्षा के अभाव में हिंसक घटनाएं हुई थी।” मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात के दौरान नायडू साथ एक ‘एक्सपर्ट’ भी था, जो 2010 में ईवीएम की कथित चोरी के एक आपराधिक मामले में शामिल था।
चुनाव आयोग ने तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) को पत्र लिखकर पूछा है कि शनिवार को चुनाव आयुक्त से मिलने आए पार्टी प्रमुख एन चन्द्रबाबू के प्रतिनिधिमंडल में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को कैसे शामिल किया गया था। चुनाव आयोग ने अपने पत्र में कहा है कि जब नायडू मुलाकात के लिए आए तो उनके साथ हरि प्रसाद नामक एक व्यक्ति भी था, जिन्होंने कई बार ईवीएम के कामकाज के बारे में विभिन्न तकनीकी मुद्दों को उठाया और दावा किया कि उन्हें इस क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञता हासिल है। पत्र में कहा गया कि बैठक के दौरान फैसला किया गया कि चुनाव आयोग की तकनीकी टीम प्रसाद को इस संबंध में विस्तृत जानकारी देगी।
पत्र में कहा गया कि बाद में पता चला हरिप्रसाद 2010 में ईवीएम की कथित चोरी के एक आपराधिक मामले में शामिल था, जिसमें उसके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। तेदेपा के कानूनी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग की ओर से लिखे गए इस पत्र में कहा गया, “यह पूरी तरह से अजीब बात है कि किस तरह ऐसी पृष्ठभूमि वाले तथाकथित तकनीकी विशेषज्ञ को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेदेपा अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिनिमंडल का हिस्सा बनने दिया गया।”
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि विपक्षी दल हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 50 प्रतिशत मतदान र्पिचयों का मिलान ईवीएम से कराए जाने का निर्देश देने की मांग के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे पर देशव्यापी अभियान चलाएंगे। सिंघवी ने आरोप लगाया, ‘‘हमें नहीं लगता कि ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे के निपटारे के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त कदम उठा रहा है।’’ उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच मतदान केन्द्र पर किसी भी मतदान पर्ची का ईवीएम का अधिक से अधिक मिलान किया जाए। उसने कहा था कि इससे ना केवल राजनीतिक दलों बल्कि सभी मतदाताओं को भी काफी संतुष्टि मिलेगी।

