लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही जिला प्रशासन ने केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के विज्ञापन करने वाले होर्डिंग को हटाना शुरू कर दिया है। इलाके के अलग अलग जगहों से यह अभियान चलाकर होर्डिंग और पोस्टर्स हटवाएं गए। अधिकारियों द्वारा सोमवार को इसकी जानकारी दी गई।
8 अप्रैल को होगा मुजफ्फरनगर में मतदान: भारत निर्वाचन आयोग ने रविवार को आम चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की थी। इसके अनुसार मुजफ्फरनगर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आठ जिलो में पहले चरण में 11 अप्रैल को चुनाव होगा। वहीं मुजफ्फरनगर प्रशासन ने आचार संहिता के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। राजनीतिक दलों को अब किसी भी कार्यक्रम के आयोजन के लिए अनुमति लेने को भी अनिवार्य कर दिया है। सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार ने बताया कि उप-जिला अधिकारियों के नेतृत्व में टीमों ने जिले में कई होर्डिंग को हटाए। बता दें कि प्रशासन की कार्रवाई के अंदर में वे सभी होर्डिंग, पोस्टर तथा पंफलेट आ सकते हैं, जिनमें केंद्र व प्रदेश सरकार के मंत्रियों तथा पीएम व सीएम की फोटो लगी होगी। चुनाव के कार्यक्रम का रविवार को घोषणा हुई थी जिसके बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो गया है।
आचार संहिता के नियम: आदर्श आचार संहिता के लागू होने के बाद प्रशासन की तैयारियां भी गति पकड़ रही हैं। मतदान से लेकर ईवीएम, परिवहन आदि व्यवस्थाओं को लेकर टीमों का गठन पहले ही हो चुका है। इसके अलावा आचार संहिता के नियमों के अनुसार राजनीतिक दलों को प्रचार के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग करना भी मना है। वहीं दीवारों या किसी जगहों में किसी प्रकार के लेखन की भी इजाजत नहीं है। संहिता ने यह भी साफ कर दिया कि राजनीतिक दलों को धर्म और समुदाय के नाम पर मतदाताओं को लुभा नहीं सकते। इस बीच जिला मजिस्ट्रेट और जिला निर्वाचन अधिकारी अजय शंकर पांडे ने पत्रकारों को बताया कि 9,06,736 महिलाओं समेत 19,68,784 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे।