मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में दिग्गज नेताओं का टिकट काटना बीजेपी के लिए भारी पड़ सकता है। माना जा रहा है कि जिन वरिष्ठ नेताओं को साइडलाइन किया गया है वे राज्य में पार्टी की सियासी गणित को बिगाड़ सकते हैं। पिछले दिनों पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उम्र की सीमा का हवाला देकर कई नेताओं को चुनावी राजनीति से दूर कर दिया है। ऐसे में जिन नेताओं का टिकट कटा है वे ख़ासे नाराज़ नज़र आ रहे हैं।

टिकट कटने वालों में राज्य की कैबिनेट मंत्री कुसुम मेहदेले, पूर्व कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया, पूर्व मंत्री सरताज सिंह और पूर्व प्रदेश वित्त मंत्री राघवजी सरीखे दिग्गज नेता बागी हो चुके हैं। कुसुम मेहदेले (75 साल) का नाम फाइनल सूची में भी नहीं होने पर उन्होंने रविवार को पार्टी के खिलाफ ट्विटर पर बग़ावत का आगाज़ कर दिया। कुसुम ने ट्विट किया, ” जो उम्मीदवार पवई से 12,000 वोटों के अंतर से हार गया वह पन्ना से उसकी (मेहदेले) जगह ले रहा है जिसने पिछले विधानसभा चुनाव में 29,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी। क्यों? क्या यह वाकई में पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा मुखर्जी की भारतीय जनता पार्टी है?” मेहदेले ने यह ट्विट केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को संबोधित करते हुए किया।

पूर्व कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया ने भी राजनगर से टिकट काटे जाने पर बगावती तेवर अपना लिए हैं। कुसमरिया ने पठरिया और दमोह विधानसभा से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। जबकि, दमोह से राज्य के वित्त मंत्री जयंत मलैया (76 साल) विधायक हैं। गौरतलब है कि 2008 में रामकृष्ण कुसमरिया ने पठरिया सीट से 598 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी, जबकि मलैया ने दमोह सीट को 171 वोटों से जीता था। हालांकि, 2013 विधानसभा चुनाव में मलैया ने दमोह में अपने जीत के अंतर में काफी सुधार कर लिया और तब उन्होंने 4,953 वोट से जीत हासिल की। वहीं, कुसमरिया राजनगर विधानसभा सीट से 8,607 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए।

पूर्व कैबिनेट मंत्री राघवजी ने भी बतौर निर्दलीय अपना नामांकन शम्शाबाद विधानसभा से दाखिल कर दिया है। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी बेटी ज्योति के लिए यहां से टिकट के लिए पार्टी से अनुरोध किया था। लेकिन, जब इस पर गौर नहीं फरमाया गया तो उन्होंने बागी होने का रास्ता अपनाया।

80 वर्ष की उम्र में प्रवेश कर चुके राघवजी का टिकट 2013 विधानसभा चुनाव में भी काट दिया गया था। उस दौरान उन पर उनके नौकर ने यौन-शोषण का आरोप लगाया था। अब राघवजी कह रहे हैं कि वह बीजेपी को सबक सिखा कर दम लेंगे। उनका कहना है कि पार्टी ने उनकी बेटी की जगह उस शख्स पर विश्वास जताया है जो पहले कांग्रेस के साथ हुआ करता था।