कांग्रेस के कद्दावर नेता कमलनाथ मध्य प्रदेश में पार्टी की जीत के बड़े श‍िल्‍पकार हैं। अब वह मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। पक्के कांग्रेसी और संजय गांधी के लंगोटिया यार कमलनाथ आज कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के काफी चहेते माने जाते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के सीनियर नेता और नौ बार लोकसभा सांसद रहे कमलनाथ को मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था।

कानपुर में जन्मे कमलनाथ एक समृद्ध परिवार से आते हैं। वो देहरादून के दून स्कूल में संजय गांधी के साथ पढ़ते थे। दोनों हॉस्‍टल में साथ ही रहते थे। इनकी दोस्ती इतनी गहरी थी और कमलनाथ का संजय के घर आना-जाना था इस वजह से उनका परिचय इंदिरा गांधी से भी हो गया था। दोनों दोस्तों का सपना देश में छोटी कार का बड़े पैमाने पर उत्पादन करना था लेकिन संजय गांधी के आकस्मिक निधन से उनका सपना अधूरा रह गया। इंदिरा कमलनाथ को भी उतना ही प्यार करती थी और उन्हें अपना तीसरा बेटा भी कहती थी। ये नारा भी मशहूर हो गया था क‍ि इंदिरा गांधी के दो हाथ एक संजय और एक कमलनाथ। उन्होंने 1968 में मात्र 22 साल की उम्र में कांग्रेस का हाथ थामा था। संजय गांधी और कमलनाथ स्कूल के क्लासरूम से लेकर पॉलिटिकल कॉरिडोर तक साथ-साथ रहे। कमलनाथ को लेकर कहा जाता है कि पिछले 30 सालों में च्युइंग चबाना, मैचबॉक्स इक्कठा करना और गांधी परिवार के प्रति उनकी वफदारी, ये तीन चीजें उनमें कभी नहीं बदली।

इमरजेंसी हो या विरोध प्रर्दशन, कमलनाथ हर वक्त साये की तरह संजय गांधी के साथ रहते थे। 1975 में जब इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगवाई थी, उस वक्त भी कमलनाथ संजय गांधी के साथ रहा करते थे। 1977 में जब केंद्र में पहली गैर कांग्रेसी और जनता पार्टी की सरकार बनी और 1979 में संजय गांधी को तिहाड़ जेल भिजवाया था, तब इंदिरा गांधी संजय गांधी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गई थीं। तब कमलनाथ ने नाटकीय घटनाक्रम में तिहाड़ जेल में एंट्री ली थी। बिजनेस स्टैंडर्ड में मोनिका गुप्ता के छपे एक लेख के मुताबिक संजय गांधी के साथ साए की तरह रहने वाले कमलनाथ ने इसके लिए अपने वकील से सलाह ली थी और अगले ही दिन योजना के मुताबिक संजय गांधी का मुकदमा सुन रहे जज पर कागज के गोले फेंके थे। भीड़ में छिपे कमलनाथ को जब जज ऐसा करते हुए नहीं देख पाए तब कमलनाथ कोर्ट रूम में जोर-जोर से चिल्लाने लगे थे। कमलनाथ जज को बार-बार कहने लगे कि इस हरकत के लिए आप ही जिम्मेदार हो। इससे गुस्साए जज साहब ने कमलनाथ पर 500 रुपये का जुर्माना लगा दिया था लेकिन उन्होंने जुर्माना भरने से इनकार कर दिया तो सात दिनों के लिए तिहाड़ जेल भेज दिए गए थे। पत्रकार मोनिका गुप्ता को खुद कमलनाथ ने बताया था कि इमरजेंसी के बाद वो संजय गांधी के साथ 14 बार जेल जा चुके थे।

संजय गांधी की मौत के बाद भी कमलनाथ का गांधी-नेहरू परिवार से नाता कभी खत्म नहीं हुआ। वे सोनिया और राहुल के करीबी बने रहे और कांग्रेस में लगातार अपनी धाक जमाते चले गए। अब बीजेपी का गढ़ रहे मध्यप्रदेश में कमलनाथ के कमान संभालने के बाद 114 सीटों के साथ कांग्रेस ने 15 साल का वनवास खत्म किया है।