मध्य प्रदेश के मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में इस बार एक अनोखा मामला सामने आया है। पिछले डेढ़ साल से अलग-अलग कारणों के चलते कई बार सुर्खियों में रहा मंदसौर इस बार फिर चर्चा में है। दरअसल यहां एक बार जिलाबदर हो चुके अनिल सोनी को चुनाव लड़ने की अनुमति तो मिल गई लेकिन अब प्रशासन ने जिले में आकर प्रचार-प्रसार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस मामले में उनकी पार्टी हिंदुस्तान शक्ति सेना ने स्थानीय नेताओं के खिलाफ प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है।

अदालत ने दी चुनाव लड़ने की अनुमति
प्राप्त जानकारी के मुताबिक अनिल सोनी को 27 अक्टूबर को ही प्रशासन ने छह माह के लिए जिलाबदर कर दिया था। इसके बाद सोनी ने अदालत से विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी। अदालत की अनुमति के बाद सोनी ने बतौर ‘हिंदुस्तान शक्ति सेना’ प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया, हालांकि निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दर्ज  किया गया है। लेकिन अब मंदसौर जिला मजिस्ट्रेट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए प्रचार-प्रसार की अनुमति देने से इनकार कर दिया। सोनी ने प्रशासन से छह नवंबर से 28 नवंबर तक जिले में आने की अनुमति मांगी थी।

अनिल सोनी के संबंध में जिला मजिस्ट्रेट का पत्र

…इसलिए मजिस्ट्रेट ने नहीं दी अनुमति
मजिस्ट्रेट के आदेश में जिलाबदर रखने पर अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा गया, ‘आदतन अपराधी अनिल सोनी को आपराधिक रिकॉर्ड देखते हुए जिलाबदर किया गया था। पार्टी ने यह जानते हुए भी उसे टिकट दिया कि जिलाबदर व्यक्ति आसपास के जिलों में भी नहीं आ सकता। सोनी सोशल मीडिया पर हिंदुत्व के संबंध में भ्रामक प्रचार कर रहा है। इससे स्पष्ट है कि यह चुनाव में गड़बड़ी पैदा करना चाहता है। चुनाव के दौरान ऐसे व्यक्ति की तरफ से आपराधिक कृत्य किए जाने की पूरी संभावना है, इससे चुनाव में खलल होने और आम जनता को परेशानी होने की आशंका है।’

अनिल सोनी के संबंध में जिला मजिस्ट्रेट का पत्र

पार्टी ने प्रशासन पर उठाए सवाल
प्रचार-प्रसार पर प्रतिबंध से नाराज प्रत्याशी के समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक प्रेस वार्ता कर प्रशासन पर राजनीतिक दबाव बनाए जाने का आरोप लगाया। पार्टी के प्रदेश प्रमुख नाहर सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा, ‘जब अनिल सोनी से प्रशासन को तकलीफ थी तो उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति क्यों दी गई? जब चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी तो प्रचार-प्रसार से क्या तकलीफ है?’

‘अनुमति मिले या ना मिले करेंगे प्रचार’
नाहर सिंह प्रेस वार्ता में ही साफ कर दिया कि प्रशासन अनुमति दे या न दे वो प्रचार करेंगे। प्रत्याशी के भाई अजय सोनी ने शहर को जनप्रतिनिधियों ने अपराधियों की पनाहगाह बना रखा है उसके खिलाफ उठती आवाज को दबाने के लिए प्रचार-प्रसार की अनुमति नहीं दी जा रही। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास भ्रष्टाचार की कई फाइलें हैं जिससे बाकी लोगों को पोल खुलने का डर है।

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First published on: 16-11-2018 at 09:26 IST