मिजोरम चुनाव को लेकर तीन दिसंबर को काउंटिंग नहीं होने वाली है। अब काउंटिंग चार दिसंबर को की जाएगी। चुनाव आयोग की तरफ से ये जानकारी दी गई है। असल में सभी पार्टियां मिजोरम में पहले से चाहती थीं कि राज्य में काउंटिंग तीन दिसंबर को ना हो। इसका कारण ये था कि मिजोरम में रविवार को ईसाई धर्म वाले लोगों का पवित्र दिन रहता है, ऐसे में मांग की गई थी कि तारीख को आगे बढ़ा दिया जाए।
मिजोरम में क्यों बदली काउंटिंग की तारीख?
अब उसी मांग को देखते हुए चुनाव आयोग ने मिजोरम चुनाव के लिए वोटों की गिनती का दिन चार दिसंबर रखा है। बड़ी बात ये है कि इस मुद्दे पर एमएनफ, ZPM, कांग्रेस और बीजेपी सहमत थीं और सभी ने साथ मिलकर ही चुनाव आयोग से अपील भी की थी। वैसे इससे पहले भी कई राज्यों में ऐसा किया गया है, कई मौकों पर तो वोटिंग के दिन भी इसी वजह से बदल दिए जाते हैं।
क्या कहता एग्जिट पोल?
वैसे इस बार मिजोरम का चुनाव काफी दिलचस्प रहा है और नतीजों को लेकर भी अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। जो एग्जिट पोल आए हैं, वो साफ इशारा करते हैं कि इस बार पूर्व आईपीएस अधिकारी की पार्टी ZPM राज्य में सरकार बना सकती है। एक्सिस ने अपने एग्जिट पोल में 40 में से ZPM को 28 से 35 सीटें दी हैं। वहीं कई बार सत्ता में आ चुकी MNF इस बार 3 से 7 सीटों पर सिमटती दिख रही है। वहीं वापसी की दम लगाने वाली कांग्रेस का आंकड़ा तो शायद दो से चार सीटों पर सिमट सकता है।
पिछले चुनाव के नतीजे
2018 के विधानसभा चुनाव में मिजोरम में एमएनएफ को 38 फीसदी वोट मिला था और उसने लंबे समय से राज कर रही कांग्रेस की सरकार को हटाया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में ZPM को 8 सीटें हासिल हुई थी और राज्य में दूसरे नंबर पर रही थी। इसी समय से ZPM को राज्य में काफी लोकप्रियता मिली।
