आउटर मणिपुर से कांग्रेस उम्मीदवार के जेम्स मुसीबत में फंस गए हैं। पंजाब नेशनल बैंक ने उनपर 100 करोड़ रुपये का कर्ज न चुकाने का आरोप लगाया है। बैंक ने मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को चिट्ठी लिखकर शिकायत की है। बैंक ने कहा है कि जेम्स ने नॉर्थईस्ट रीजन फिन सर्विसेज लिमिटेड नाम की एक फर्म के निदेशक और निजी गारंटर के तौर पर 100 करोड़ रुपये उधार लिए थे। पीएनबी के अनुसार, यह कर्ज 2017 में दिया गया था। पत्र में कहा गया है कि जेम्स ने बिना बैंक को बताए ही फर्म से इस्तीफा दे दिया जो कि नियमों का उल्लंघन है।
बैंक ने आरोप लगाया है कि जेम्स ने फर्म के निदेशक पद से इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि वह कर्ज लेने की बात छिपाना चाहते थे। पीएनबी ने चुनाव आयोग से राष्ट्रहित में जेम्स के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। बैंक अब जेम्स को जान-बूझकर कर्ज न चुकाने वाले डिफॉल्टर की श्रेणी में डालने की प्रक्रिया में है। बकाया न चुकाने से अकाउंट एनपीए में बदल गया और उसके तीन साल बाद भी कर्ज न चुकाया जा सका।
बैंक ने जानकारी दी है कि कांग्रेस उम्मीदवार पर कुल 116 करोड़ की देनदारी है। बैंक ने 30 दिसंबर, 2017 को कर्ज रिकवरी ट्रिब्यूनल, गुवाहाटी में एक रिकवरी सूट भी दाखिल किया था। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग और आउटर मणिपुर लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को पत्र लिखकर आरोपों की जांच करने को कहा है। जेम्स मणिपुर फायनेंस सर्विसेज के पूर्व अधिकारी हैं। उनका कोई राजनैतिक बैकग्राउंड नहीं है।