मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने जा रही है। प्रदेश में पिछले 15 सालों से भाजपा की सरकार थी। कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनने के बाद 10 दिनों के अंदर किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था। इसी मुद्दे पर बोलते हुए प्रदेश के वित्तमंत्री रहे जयंत मलैया ने कर्जमाफी की घोषणा को प्रदेश के लिए आर्थिक संकट बताया है। उन्होंने इस कदम से प्रदेश के खजाने की स्थिति गंभीर होने के आशंका जताई है।

दरअसल, मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान लगातार किसानों की कर्जमाफी की बात कही थी। किसानों की कर्जमाफी की बात कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में भी कही थी। अब जबकि प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है, तो किसानों की कर्जमाफी की बात भी जोर पकड़ रही है। इस मुद्दे पर बोलते हुए प्रदेश के वित्तमंत्री रहे जयंत मलैया ने कहा कि 15 साल पहले कांग्रेस ने जिस हालत में खजाना हमें सौंपा था, हमने भी उसे वैसी ही स्थिति में लौटाया है। उन्होंने कांग्रेस की कर्जमाफी के वादे से प्रदेश के खजाने की स्थिति गंभीर हो जाने की बात कही है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस कदम से प्रदेश में वेतन के लाले पड़ जाएंगे।

जयंत मलैया ने कहा कि मध्यप्रदेश पर राष्ट्रीयकृत बैंकों का 34 से 36 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बाकी है। अगर कुल मिलाकर देखें तो प्रदेश में एक लाख 65 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है और करीब दो हजार करोड़ रुपए का ओवर ड्रॉफ्ट भी है। ऐसे में यदि यदि कर्जमाफी होती है तो प्रदेश में विकास के सारे काम बंद हो जाएंगे।

बता दें कि मध्यप्रदेश में पिछले एक दशक से ज्यादा शिवराज सिंह चौहान की सरकार थी। इस बार के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने कड़ी टक्कर में बीजेपी को शिकस्त दी है। अब वह कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाने जा रही है। अब देखने वाली बात होगी प्रदेश में कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस का पहला कदम क्या होने वाला है? जबकि प्रदेश के वित्तमंत्री रहे मलैया ने कांग्रेस की ओर से की गई किसानों की कर्जमाफी की घोषणा को प्रदेश के लिए आर्थिक संकट बताया है।