मध्य प्रदेश की बदनावर सीट से कांग्रेस 4443 वोटों से आगे चल रही है। बदनावर सीट से भाजपा के मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव पीछे चल रहे हैं। ये सीट इस बार अपने दल-बदल की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है। हर कोई बस यही कह रहा है- उम्मीदवार वही, पर पार्टी नई। ऐसा इसलिए क्योंकि तीसरी बार कांग्रेस और बीजेपी ने जिन उम्मीदवारों को उतारा है, हर बार मुकाबला उन्हीं के बीच देखने को मिलता रहता है। बड़ी बात ये है कि जो कांग्रेस से लड़ते थे, इस बार वे बीजेपी के साथ हैं तो वहीं जो भाजपा पर आस्था दिखाते थे, इस बार कांग्रेस के हाथ के साथ चले गए हैं। आखिरकार रिजल्ट का दिन आ चुका है, मतगणना शुरू हो चुकी है और कुछ ही देर में रुझान आने शुरू हो जाएंगे।

बदनावर सीट से इस बार बीजेपी ने राज्य सरकार में मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव को उतारा है, तो वहीं कांग्रेस ने भी किसी जमाने में बीजेपी के नेता रहे भंवर सिंह शेखावत को मौका दिया है। अब ये चुनाव दिलचस्प इसलिए है क्योंकि राजवर्धन सिंह उन्हीं नेताओं में से है जिन्होंने कमलनाथ की सरकार गिराने में सक्रिय भूमिका निभाई। वे भी सिंधिया के साथ बगावत कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।

वहीं दूसरी तरफ भंवर सिंह शेखावत ने दो महीने पहले ही इस साल बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया। ऐसे में मुकाबला तो फिर इन दोनों नेताओं के बीच ही है, बस पार्टी चिन्ह बदल गया है। वैसे इस सीट से जो भी चुनाव जीते, उसमें राजपूत और आदिवासी वोटरों का बड़ा योगदान रहता है। 2.21 लाख मतदाताओं वाली इस सीट पर ये दो समुदाय हार-जीत तय कर जाते हैं। पिछले चुनाव की बात करें तो 2018 में दत्तीगांव ने शेखावत को 41,506 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था।