मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जीत के बाद आखिरककार कल ऐलान हो गया कि कमलनाथ ही प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। महज 22 साल की उम्र में कांग्रेस का हाथ थामने वाले कमलनाथ नौ बार सांसद रह चुके है। वो 34 साल की उम्र में छिंदवाड़ा से जीत कर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। छिंदवाड़ा की जनता में कमलनाथ की गहरी पैठ मानी जाती है। यहां की जनता के लिए वो दशकों से मुख्यमंत्री जैसे ही हैं। कमल नाथ एक आंधी है, छिंदवाड़ा का गांधी है, जैसे नारे उनकी लोकप्रियता को दर्शाते है। छिंदवाड़ा के विकास मॉडल की तारीफ वहां की जनता के साथ कमलनाथ के विरोधी भी करते हैं।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ के कमान संभालने के बाद कांग्रेस ने 114 सीटें जीतीं और 15 साल पुराना वनवास खत्म किया। यही कारण है कि कांग्रेस अपने इस सिपहसालार को न तो अब तक नजरअंदाज कर पाई है और ना ही शायद भविष्य में कभी नजरअंदाज कर पाए।
मध्यप्रदेश के होने वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ और छिंदवाड़ा एक दूसरे के पर्याय माने जाते हैं। गौरतलब है कि लोकसभा में कमलनाथ छिंदवाड़ा की नौ बार नुमाइंदगी कर चुके हैं। जिससे साफ़ जाहिर होता है कि उनकी छिंदवाड़ा के लोगों के बीच कितनी गहरी पैठ है। छिंदवाड़ा का आज जो भी नाम है उसका एक बड़ा कारण कमलनाथ को माना जा सकता हैं। आज से 30 साल पहले तक छिंदवाड़ा महज जिला मुख्यालय के रूप में ही जाना जाता था लेकिन 1980 के बाद जब से कमलनाथ ने यहां की कमान संभाली लगातार विकास करता हुआ छिंदवाडा देश के नक्शे में अपना अलग स्थान बना चुका है।
बता दें कि इंदिरा गांधी छिंदवाड़ा लोकसभा सीट के प्रत्याशी कमलनाथ के लिए चुनाव प्रचार करने आई थीं। इंदिरा ने तब मतदाताओं से चुनावी सभा में कहा था कि कमलनाथ उनके तीसरे बेटे हैं, कृपया उन्हें वोट दीजिए।
कमलनाथ कई रैलियों में कहते आएं है कि हमारा जिला 1980 तक कैसे पिछड़ा हुआ था। लेकिन संजय गांधी के साथ मिलकर उन्होंने यहां सुविधाओं को और बेहतर किया सड़कों, पुलों, कारखानों और रेल की दिशा कई कार्य किये है। कमलनाथ कहते है कि यहां 1980 से पहले सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं था। साल 1984 तक यहां बैल गाड़ियां चलती थी लेकिन आज इतना विकास हुआ है कि आप देश के किसी भी कोने में जा सकते हैं और गर्व से कह सकते है कि हम छिंदवाड़ा से है।
चुनाव अभियान के दौरान वो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को झूठा और एक कलाकार भी कह चुके हैं। शिवराज के द्वारा योजनाओं की घोषणा करने के मसले पर उन्होंने कहा था कि वो अपनी जेब में नारियल रखकर घूमते है। हालांकि, कमलनाथ के विरोधियों ने उन्हें चुनाव अभियान में भारी खर्च करके मतदाताओं को खरीदने का आरोप लगाया था। चुनावो में उन्होंने 187 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति घोषित की, जिसने उन्हें राज्य में सबसे अमीर उम्मीदवार बना दिया।
भाजपा की पूर्व राज्यसभा सदस्य और अनुसूचित जनजाति आयोग की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनुसुइया उइके ने कमलनाथ के छिंदवाड़ा मॉडल की तारीफ करते हुए कहा था “बतौर अनुसूचित जनजाति आयोग की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मैंने भारत में 29 राज्यों का दौरा किया है, लेकिन मुझे छिंदवाड़ा सबसे ज्यादा पसंद है। भले ही है कि हमारी विचारधाराएं (बीजेपी और कांग्रेस की) अलग हैं, लेकिन मैं देश में व्यवस्थित विकास के एक आदर्श मॉडल के रूप में छिंदवाड़ा जिले को बदलने के लिए मैं व्यक्तिगत तौर पर और लोगों की ओर से सांसद कमल नाथ जी को बधाई देती हूं।”
बताया जाता है कि 1980 से पहले और साल 1980 के बाद कमलनाथ के छिंदवाडा से सांसद बंनने के बाद बिजली, पानी, सड़क, चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवहन, कौशल उन्नयन, उद्योग और कृषि क्षेत्र में कई परिवर्तन हुए। कई लोग आधुनिक छिंदवाड़ा के निर्माण का श्रेय कमलनाथ को देते है। कमलनाथ ने खुद कहा था कि कारोबार के मामले में छिंदवाड़ा बड़े शहरों की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा को देखने के बाद विदिशा से इसकी तुलना करिए और लोगों को बताईए कि यहां कितना विकास हुआ है।
छिंदवाड़ा के लोगों के लिए कमलनाथ पहले भी किसी मुख्यमंत्री से कम नहीं थे। यहाँ के लोग उन्हें लगातार चुनाव जिताते आये है। लोगों में उनके प्रति एक अलग सी दीवानगी देखने को मिलती है। भीमसेन गांव में एक दर्जी रामकुमार ढकार उनकी तारीफ करते हुए कहते हैं कि लोगों की तो प्रवृत्ति हो गयी कमलनाथ को वोट देना। वहीं नगरपालिका काउंसलर अनवर अली कहते हैं कि यहां बच्चे-बच्चे की जुबान पर कमलनाथ का नाम है।
कमलनाथ कांग्रेस सरकार में उद्योग मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय, वन और पर्यावरण मंत्रालय, सड़क और परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। राजनीति के अलावा कमलनाथ का बड़ा कारोबार भी है, बताया जाता है कि वो 23 कंपनियों के मालिक हैं, जो उनके दोनों बेटे चलाते हैं। 2011 में स्विटज़रलैंड में विश्व आर्थिक फ़ोरम में श्री कमलनाथ ने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। फिलहाल वो मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे है।