Lok Sabha Elections 2024: गुजरात की भरूच लोकसभा सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने यहां से चैतर वसावा (Chaitar Vasava) को उम्मीदवार बनाया है और कांग्रेस ने उन्हें अपना समर्थन दिया है। चैतर वसावा के लिए एक तरफ मुश्किल यह है कि कोर्ट के आदेश के रहते वह लोकसभा के कुछ इलाकों में प्रचार के लिए नहीं जा सकते तो दूसरी तरफ उनके लिए अच्छा पहलू यह है कि उनकी दो पत्नियां उनके चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं।
चैतर वसावा के सामने 6 बार के सांसद बीजेपी सांसद मनसुख वसावा मैदान में हैं। भरूच उन दो सीटों में से एक है जिसे कांग्रेस ने गुजरात में इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी के लिए छोड़ दिया है।
क्यों दिलचस्प है मुकाबला?
भरूच लोकसभा का चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है कि यहां छोटू वसावा के बेटे दिलीप वसावा भारतीय आदिवासी पार्टी की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं। एआईएमआईएम ने भी यहां से प्रत्याशी उतारने की बात कही है। दिलीप वसावा की एंट्री से चैतर वसावा को नुकसान होने की संभावना है। हालांकि उनकी पत्नियां शकुंतला और वर्षा चुनावी प्रचार में पूरा ज़ोर लगा रही हैं।
गुजरात के अधिकांश आदिवासी समुदायों में बहुविवाह एक स्वीकृत सामाजिक प्रथा है और अनुसूचित जनजातियों को हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों से छूट दी गई है। चैतर और शकुंतला की शादी 15 साल पहले हुई थी, जबकि वर्षा के साथ उनकी 13 पहले हुई थी। ये सभी अपने-अपने बच्चों के साथ एक साथ रहते हैं।
दोनों पत्नियां कर रही हैं प्रचार
चैतर वसावा के लिए उनकी दोनों ही पत्नियां चुनावी प्रचार में जुटी हुई हैं। वर्षा ने जनवरी में नेतरंग तहसील में एक रैली में चैतर की ओर से मोर्चा संभाला था। जिसमें AAP के शीर्ष नेता अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने भी भाग लिया था। चैतर वसावा उस वक़्त वन अधिकारियों पर हमला करने के एक कथित मामले में न्यायिक हिरासत में थे। उनकी पत्नी वर्षा ने रैली में चैतर वसावा का संदेश भी पड़ा था।
कुछ इलाकों में चैतर वसावा नहीं कर सकते प्रचार
चैतर वसावा को जमानत तो मिली लेकिन कोर्ट ने आदेश दिया कि वह अपने गृह जिले नर्मदा में प्रवेश नहीं कर सकते। यह ज़िला भरूच लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। इसलिए जबकि चैतर भरूच के बाकी हिस्सों में प्रचार कर रहे हैं, शकुंतला और वर्षा घर-घर जाकर नर्मदा में उनके लिए वोट मांग रही हैं।