भागलपुर और बांका संसदीय क्षेत्र में चुनाव शांतिपूर्ण निपट गया। मगर ग्रामीण मतदाताओं ने कई बूथों पर ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया। साढ़े बारह बजे से तीन बजे तक साधोपुर गांव में एक वोट भी यहां नहीं डाले गए और न ही किसी राजनीतिक दल का कोई नेता या अधिकारी इन्हें मनाने या समझाने आया। मतदान अधिकारी मतदाताओं की बाट जोहते थक से गए थे। साधोपुर गांव भागलपुर संसदीय क्षेत्र के तहत गोपालपुर विधानसभा का हिस्सा है। यह नौगछिया अनुमंडल से करीब पंद्रह किलोमीटर सुदूर है। इस गांव तक जाने के लिए एनएच 31 से सटे नौगछिया जाने का रास्ता पकड़ना पड़ता है। गांव में प्रवेश करते ही नाके पर हवा में लहराता वैनर रस्सी के सहारे टंगा है, जिसमें नारे के साथ वोट बहिष्कार की बात लिखी है। गांव के कस्तूरी मंगल टोला की प्राथमिक विद्यालय में बने मतदान केंद्र संख्या 110 में पीठासीन अधिकारी शशिकांत मंडल ने बताया कि यहां मतदान करने कोई नहीं आया। यहां कुल 960 वोटर हैं।

यही हाल बूथ संख्या 111 और 112 की बताई गई। ये दोनों बूथ भी इसी गांव के नयाटोला स्कूल में बने हैं। 111 बूथ संख्या के पीठासीन अधिकारी अशोक कुमार ठाकुर और 112 के पीठासीन अधिकारी सुनील कुमार तांती बताते हैं कि यहां भी अब तक कोई वोट डालने नहीं आया। सेक्टर मजिस्ट्रेट अंबुज कुमार हाथ में प्लास्टर होने के बावजूद ड्यूटी पर तैनात मिले।

वहीं बगल के बनिया गांव की विद्यालय पर बनी बूथ संख्या 132, 133, 134 पर भी लोगों ने रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ मतदान का बहिष्कार किया। इन तीनों बूथों पर साढ़े तीन हजार वोटर हैं। गांव के अमरेंद्र मंडल बताते हैं कि गांव पूरी तरह उपेक्षा का शिकार है। एनएच 31 तक जाने में गाड़ी से हिचकोले ही खाने पड़ते हैं। पीने का पानी भी मयस्सर नहीं है। बिजली के तार इस कदर सड़क पर लटके पड़े हैं कि हादसे का खतरा गांव वालों पर मंडराता रहता है।