Lok Sabha Elections 2019: दक्षिण भारत में कांग्रेस की स्थिति मजबूत करने के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश में अपने पारंपरिक गढ़ अमेठी के अलावा केरल की वायनाड संसदीय सीट से भी चुनाव लड़ेंगे। राहुल गांधी चुनावी नामांकन दाखिल करने के लिए जब दिल्ली से करीब 2,460 किलोमीटर दूर वायनाड जिला मुख्यालय पहुचेंगे, तो वो सीधे ग्रामीण कृषि संकट से जूझ रहे जिले के ग्राउंड जीरो पर उतर जाएंगे। यह वही जिला है जहां बीते गुरुवार को एक किसान कृष्ण कुमार ने सात लाख रुपए का कृषि कर्ज चुकाने में नाकाम रहने के चलते आत्महत्या कर ली थी। कुमार थिरुनेली गांव के निवासी थे। पिछले साल राज्य में बाढ़ आने के बाद जिले ऐसा छठा मामला है जब किसी शख्स आत्महत्या की हो।।
किसान संगठन, किसान राहत मंच के जिला अध्यक्ष एसी थॉमस ने बताया, जिले में कृषि क्षेत्र गंभीर संकट में है। करीब 9,000 किसान कर्ज ना चुकाने के चलते राजस्व वसूली की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। यहां अधिकतर किसानों को खेती से कोई आय नहीं होती है। किसान अब दुधारु पशुओं को पालकर जीवित हैं।’ भारत में सबसे ज्यादा काली मिर्च उगाने वाला जिला, वायनाड पर अब उसके अतीत की छाया ही बची है। गंभीर सूखे और कीमतों में गिरावट के चलते जिले में काली मिर्च की खेती भी कम हुई है। इसके साथ ही लगातार केंद्रीय सरकारों की आयात नीति ने किसानों को खासा नुकसान पहुंचाया है।
मामले में थॉमस कहते हैं, ‘अगर कोई कृषि क्षेत्र के संकट के वास्तविक कारणों पर बहस करता है, तो कांग्रेस जिम्मेदारी नहीं छोड़ सकती। आयात के कारण, दो साल पहले काली मिर्च की कीमत 1,200 रुपए प्रति किलोग्राम से घटकर 350 रुपए हो गई है। लेकिन, ऐसे मुद्दों से कौन परेशान है?’ बता दें कि यहां मानव और जंगली पशुओं के बीच संघर्ष भी एक प्रमुख मुद्दा रहा है। पशुओं के लगातार खेतों में घुसने से बड़ी संख्या में किसानों ने खेती करना बंद कर दिया है। दो सप्ताह पहले पनामारम में एक जंगली हाथी ने डेयरी किसान को मार डाला। किसान दूध बेचने जा रहा था। एक साल में 158 किसानों और आदिवासियों को जंगली जानवरों के हमले की वजह से गंभीर चोटें भी आईं हैं।
गौरतलब है कि वायनाड जिले में एक सुपर-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल तक नहीं है। निकटतम स्वास्थ्य सुविधा केंद्र जिला मुख्यालय कलपेट्टा से करीब 72 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा जिले के अन्य हिस्सों से, विशेष स्वास्थ्य सेवा केंद्र की दूरी लगभग 100 किमी है। मरीजों और दुर्घटना के शिकार लोग अक्सर पड़ोसी कोझीकोड जिले में जाते हैं।