Kaiserganj Lok Sabha Chunav Result 2024: कैसरगंज लोकसभा सीट पर भारी मतों के साथ भारतीय जनता पार्टी के नेता करणभूषण सिंह जीत गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के ब्रजभूषण सिंह के बेटे करणभूषण सिंह ने 1 लाख 48 हजार 8 सौ 43 वोटों से जीत हासिल की। उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भगत राम मिश्रा को हराया। बता दें कि बहुजन समाज पार्टी ने नरेंद्र पांडे को टिकट देकर मुकाबले को त्रिकोणीय खथी। लेकिन अंत में जीत बीजेपी को हासिल हुई।

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एक नजर कैसरगंज लोकसभा सीट पर

कैसरगंज लोकसभा सीट काफी लंबे समय से सुर्खियों में बनी हुई है। भारतीय जनता पार्टी ने यहां पिछले दो लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की है, इस चुनाव में भी विजय पताका फहराकर बीजेपी हैट्रिक लगाने की जुगत में जुटी हुई है। बात अगर समाजवादी पार्टी की करें तो वह सीट से जीत दर्ज कर अपनी साख बचाने में लगी हुई है।

साल 2019 में कैसरगंज लोकसभा सीट का परिणाम (Kaiserganj Lok Sabha Elections Result 2019)

2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो यहां पर मुकाबला एकतरफा हुआ था। चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बृजभूषण शरण सिंह मैदान में उतरे थे। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने चंद्रदेव राम यादव को टिकट दिया था। इलेक्शन में बसपा और समाजवादी पार्टी का गठबंधन था। बृजभूषण सिंह को 581,358 वोट मिले तो चंद्रदेव राम यादव के खाते में 319,757 वोट आए थे। कांग्रेस की स्थिति काफी नाजुक रही और पार्टी के विनय कुमार पांडे को महज 37,132 वोट मिले थे। चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह ने 261,601 के वोटों के अंतर से अपने प्रतिद्वंदी से जीत हासिल की थी।

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पार्टीप्रत्याशीवोट
बीजेपीबृजभूषण शरण सिंह581,358
बहुजन समाज पार्टीचंद्रदेव राम यादव319,757
कांग्रेसविनय कुमार पांडे37,132

साल 2014 में कैसरगंज लोकसभा सीट का परिणाम (Kaiserganj Lok Sabha Elections Result 2014)

2014 के लोकसभा इलेक्शन में देश में मोदी लहर का असर दिखाई दिया। समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में आए बृजभूषण शरण सिंह यहां से मैदान में उतरे और 3,81,500 वोट हासिल किए। उन्होंने समाजवादी पार्टी के विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह को 78,218 मतों के अंतर से हरा दिया। बसपा उम्मीदवार कृष्ण कुमार ओझा को 1,46,726 वोट मिले और वह तीसरे नंबर पर रहे।

पार्टीप्रत्याशीवोट
बीजेपीबृजभूषण शरण सिंह3,81,500
समाजवादी पार्टीविनोद कुमार सिंह303,282
बहुजन समाज पार्टीकृष्ण कुमार ओझा1,46,726

कैसरगंज लोकसभा सीट का इतिहास

कैसरगंज लोकसभा सीट के राजनीतिक आंकड़ें भी काफी दिलचस्प रहे हैं। 1952 में नेहरू के करीबी रहे सरदार जोगेंद्र सिंह यहां चुनाव जीतने में कामयाब रहे। वहीं, 1977 से लेकर 2014 के दौरान यहां से 5 बार समाजवादी पार्टी, 3 बार बीजेपी, 2 बार कांग्रेस और एक बार भारतीय लोकदल के उम्मीदवार को जीत हासिल हुई। राना वीर सिंह और रुद्रसेन चौधरी से लेकर बेनी प्रसाद वर्मा यहां से चुने गए। सातवीं और आठवीं लोकसभा में राना वीर सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। वहीं, जनता लहर में रुद्रसेन चौधरी ने कामयाबी पाई। 1989 में भी वह जीतने में सफल रहे। 90 के दशक में कैसरगंज मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी रहे बेनी प्रसाद वर्मा की संसदीय सीट के रूप में चर्चा में आया। बेनी ने ही समाजवादी पार्टी का नामकरण किया था। 1996, 1998, 1999 और 2004 लगातार 4 बार बेनी बाबू इस सीट से सांसद निर्वाचित हुए।

2004 में बेनी ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे आरिफ मोहम्मद खान को करारी शिकस्त दी। 1996 से 1998 के दौरान वह केंद्रीय संचार मंत्री के पद पर रहे। हालांकि, 2007 में बेनी ने मुलायम का साथ छोड़ दिया और अगले साल कांग्रेस के हाथ के साथ चले गए। 2009 में गोंडा से सांसद चुने जाने के बाद यूपीए सरकार में उन्हें इस्पात मंत्री की जिम्मेदारी भी मिली। 2009 के परिसीमन में कैसरगंज सीट का बाराबंकी वाला हिस्सा कट गया और इसमें गोंडा के इलाके आ गए। यही वजह रही कि 2008 में न्यूक्लियर डील के मुद्दे पर बीजेपी छोड़कर एसपी में आने वाले बृजभूषण शरण सिंह ने 2009 के लोकसभा चुनाव में यहां से ताल ठोकी।

बृजभूषण शरण सिंह ने इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार सुरेंद्र नाथ अवस्थी उर्फ पुत्तू भैया को मात दी। हालांकि, 2014 का लोकसभा इलेक्शन आते-आते बृजभूषण सिंह दोबारा से भगवा खेमे में लौटकर वापस आ गए। मोदी लहर में वह एक बार फिर चुनाव जीतने में कामयाब रहे। इस बार उन्होंने अपने चिर-परिचित प्रतिद्वंद्वी विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह को करारी शिकस्त दी। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने चंद्रदेव राम यादव को पराजित किया था।

कैसरगंज लोकसभा सीट का जातीय समीकरण

कैसरगंज लोकसभा सीट पर 18.80 लाख मतदाता है। इसमें से 9.96 लाख पुरुष और 8.84 लाख महिला मतदाता हैं। कैसरगंज के कुछ इलाकों में राजपूत समुदाय की संख्या काफी है। वहीं, गोंडा की तीन विधानसभा सीटों पर ब्राह्मणों की संख्या भी काफी अच्छी मात्रा में है। इस लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटर्स की संख्या भी अच्छी-खासी है। 2011 जनगणना के मुताबिक कैसरगंज तहसील में 3 लाख से ज्यादा मुस्लिम आबादी है।