मानसा के राला गांव की रहने वाली वीरपाल कौर बठिंडा लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही है। वीरपाल की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी कि वह चुनाव लड़ सके। उसने चंदा लेकर अपने उम्मीदवारी के लिए जमानत राशि जमा कराई है। चुनाव में वह कर्ज में डूब कर आत्महत्या करने वाले किसानों के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रही हैं। वीरपाल का कहना है कि प्रधानमंत्री अच्छे दिन महसूस कराने में असफल रहे।
टेलीग्राफ की खबर के अनुसार वीरपाल जब 16 साल की थीं तब उनके पिता किशन चंद ने गरीबी से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। पिता की मौत के बाद स्कूल छूट गया। शादी के बाद पति ने कर्ज से परेशान होकर खुदकुशी कर ली थी। पति पर 5 लाख रुपये का कर्ज था। इतना ही नहीं पैसे की कमी का कारण उनकी दो भैंस भी मर गई।
सब्जी बेचने का काम भी प्रभावित हुआ। इससे उनके पति काफी परेशान थे। घर में दो बच्चों के साथ एक बहन की शादी का भी बोझ था। इन सब से परेशान होकर पति ने गांव से दूर खेत में खुद को आग लगा ली। इससे पहले वीरपाल के ससुर भी मुफलिसी के कारण आत्महत्या कर चुके थे। इन सब बातों से वीरपाल काफी आहत हैं। वे नहीं चाहती कि राज्य में किसान कर्ज या गरीबी के कारण आत्महत्या करे।
उन्होंने इस वजह से लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। वीरपाल के साथ उनकी 19 साल की बेटी दिलजोत कौर भी चुनाव प्रचार में मदद कर रही है। पैसे की कमी के कारण वे टेंट या लाउड स्पीकर का खर्च नहीं उठा सकती हैं। वे घर घर जाकर लोगों से वोट मांगने के साथ ही सोशल मीडिया पर अपने लिए प्रचार करने की अपील कर रही हैं।
दो ऑटो से कर रहीं प्रचारः किसान मजदूर खुदकुशी पीड़ित परिवार कमेटी वीरपाल कौर के चुनाव प्रचार को संचालित कर रही है। उन्हें 1 लाख रुपये की डोनेशन चुनाव प्रचार के लिए मिली है। वीरपाल ने चुनाव प्रचार के लिए दो ऑटो किराये पर लिया है। वह और उनकी बेटी ऑटो रिक्शा से भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
आसान नहीं है राहः वीरपाल के लिए इस लोकसभा चुनाव में राह आसान नहीं है। यहां शिरोमणि अकाली दल की तरफ से केंद्रीय मंत्री व सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल चुनाव लड़ रही हैं। वहीं कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह वारिंग को अपना उम्मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी के बागी विधायक सुखपाल सिंह खैरा पंजाब एकता पार्टी की तरफ से चुनाव मैदान हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने बलजिंदर कौर को टिकट दिया है।