लोकसभा चुनाव 2019 के छह चरण के चुनाव संपन्न हो गए हैं। सातवें चरण के मतदान से पहले राजनीतिक सरगर्मिया चरम पर है। पश्चिम बंगाल में चुनाव को लेकर हिंसा की काफी घटनाएं सामने आई है। इस बात को एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान बीजेपी के नेता ने विरोधियों को कविता के जरिए जवाब दिया। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये लोग सोचते हैं सत्ता के अंहकार में लोकतंत्र को बंधक बना लेंगे तो यह नहीं हो सकता है। यहां कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता भी बैठे हैं उनको भी पता है कि हिंसा और इमरजेंसी जैसे चीजों से लोकतंत्र को बंधक नहीं बनाया जा सकता है।
कांग्रेस आपातकाल लगाकर नहीं कर पाई और वामपंथ हिंसा को संस्थागत रूप देकर भी नहीं कर पाए। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि टीएमसी जो करना चाह रही है उसे मैं दो पंक्ति में कहना चाहता हूं कि ”अगर हैं खिलाफ तो खिलाफ होने दो ये सब धुआं है कोई आसमान थोड़ी है। माना मुखालफत है बहुत मजबूत लेकिन हमारी तरह लिए हथेली पर जान थोड़ी है।”इसके बाद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हमने यह संघर्ष 60-70 साल देखा है और मोदी जी ने 15-16 साल में संघर्ष के द्वारा बीजेपी को कहां से कहां लेकर आए हैं। टीएमसी का यातनाई संघर्ष हमें रोक नहीं पाएगा। और कांग्रेस और कम्युनिस्ट का मूक समर्थन हमें रोक नहीं पाएगा।
गौरतलब है कि बंगाल में 713 कंपनियां, 71 हजार जवानों की तैनाती के बाद भी चुनावी हिंसा रुक नहीं रही है। गौर करने वाली बात यह है कि बंगाल में चुनावी हिंसा कोई नई बात नहीं है। तृणमूल कांग्रेस सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 1977 से 2007 तक के कार्यकाल में 28,000 राजनीतिक हत्याएं हुई है।
