गुजरात के मेहसाणा जिले के उंझा में सत्ताधारी बीजेपी को अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कार्यकर्ताओं का गुस्सा इस हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी के चयन को लेकर है। गुस्सा इस कदर है कि स्थानीय कार्यकर्ताओं के एक समूह ने अपनी कमिटी बनाकर आशाबेन पटेल या केसी पटेल को टिकट देने के खिलाफ लिखित में अपना विरोध जताया है। ये दोनों ही बीजेपी की ओर से संभावित प्रत्याशी हैं, हालांकि बीजेपी ने फिलहाल ऊंझा सीट पर प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है। आशाबेन फरवरी में कांग्रेस विधायक के तौर पर इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुई थीं। वहीं, केसी पटेल पाटन जिले से गुजरात बीजेपी के महासचिव हैं। उंझा सीट पर प्रत्याशियों के तौर पर इन दोनों के नामों पर ही सबसे ज्यादा चर्चा है।
सूत्रों के मुताबिक, 100 बीजेपी कार्यकर्ताओं का एक समूह मंगलवार को एकजुट हो गया। इस समूह ने 9 सदस्यों वाली एक कमिटी बनाई, जिसने उप चुनाव के लिए 5 स्थानीय प्रत्याशियों के नाम शॉर्टलिस्ट किए। कमिटी ने इस मामले में एक प्रस्ताव भी पास किया। इसके अलावा, बीजेपी के मेहसाणा जिले के प्रमुख नितिन खारोद को चिट्ठी भी लिखी। चिट्ठी के मुताबिक, जानकारी में यह बात आई है कि बीजेपी या तो आशाबेन या केसी पटेल को उपचुनाव में उतारने की तैयारी कर रही है। चिट्ठी में चेतावनी दी गई है कि अगर इन दोनों में से किसी को भी टिकट दिया गया तो वे सभी इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो जाएंगे और बीजेपी के खिलाफ एक स्थानीय उम्मीदवार को खड़ा कर देंगे। चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि कमिटी द्वारा तय 5 नामों में से किसी एक को पार्टी के चुनाव चिह्न पर मैदान में उतरने दिया जाए।
जिन 5 नामों पर कमिटी ने सहमति दी है, उसमें बीजेपी के उंझा तालुका के अध्यक्ष मनु पटेल भी शामिल हैं। मनु के मुताबिक, कांग्रेस से बीजेपी में आईं आशाबेन को टिकट दिए जाने की संभावनाओं से पार्टी कार्यकर्ता नाराज हैं। मनु के मुताबिक, अगर आशा चुनाव में उतरीं तो हार जाएगीं। मनु के मुताबिक, पार्टी कार्यकर्ता या स्थानीय लोग किसी बाहरी या पैराशूट कैंडिडेट को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पार्टी की राज्य ईकाई के महासचिव केसी पटेल को भी मनु ने बाहरी बताया। वहीं, बीजेपी के मेहसाणा यूनिट के प्रमुख खारोद ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें कमिटी की ओर से सुझाए गए प्रत्याशियों के नाम मिले हैं।