Lok Sabha Election 2019: सोमवार (29 अप्रैल) को हुए चौथे चरण के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कई राज्यों में रिकॉर्ड वोटिंग हुई। मध्य प्रदेश में भी इस चरण में कुल छह सीटों पर चुनाव हुए जहां रिकॉर्ड 74.88 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई। 2014 के चुनावों के मुकाबले 10.04 फीसदी अधिक मतदान हुआ है। मध्य प्रदेश की जिन छह सीटों पर 29 अप्रैल को चुनाव हुए हैं, वहां छिंदवाड़ा को छोड़कर फिलहाल सभी पर भाजपा का कब्जा है। जबलपुर, मांडला, बालाघाट, शहडोल और सीधी पर करीब ढाई दशक से भाजपा का कब्जा रहा है।
सीधी लोकसभा क्षेत्र में साल 2014 में 56.8 फीसदी वोटिंग हुई थी जो बढ़कर 2019 में 69.3 फीसदी हो गई है। इसी तरह शहडोल में 2014 के 62.2 फीसदी के मुकाबले 2019 में 74.58 फीसदी वोटिंग हुई है। मांडला में भी इस साल 15 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई है। 2014 में वहां 59.3 फीसदी वोटिंग हुई थी जो इस साल बढ़कर 74.3 फीसदी हो गई है। बालाघाट में भी 12 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई है। 2014 में यहां 65.13 फीसदी वोटिंग हुई थी जो बढ़कर 2019 में 77.36 फीसदी हो गई है। राज्य के सीएम कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा, जहां इस बार उनके बेटे नकुल नाथ चुनावी मैदान में हैं, वहां भी 10 फीसदी से ज्यादा वोटिंग परसेन्टेज बढ़ा है। 2014 के 64.8 फीसदी के मुकाबले 2019 में छिंदवाड़ा में 74.88 फीसदी वोटिंग हुई है।
बता दें कि पिछले साल हुए मध्य प्रदेश विधान सभा चुनावों में भी वोटिंग परसेन्टेज बढ़ा था। 2013 के विधान सभा चुनाव में कुल 72.3 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे जो 2018 में बढ़कर 74.6 फीसदी हो गया था। इन चुनावों के बाद राज्य में 15 सालों से भाजपा सरकार की विदाई हो गई था और कांग्रेस की वापसी हुई है। ऐसा माना जाता है कि जब बड़ी संख्या में मतदाता वोट करते हैं तब परिवर्तनकारी परिणाम आते हैं। या यूं कहें कि बदलाव की चाहत में मतदाता अधिक वोटिंग करते हैं। चुनावी रणनीतिकारों की यह एक आम धारणा है। इस लिहाज से भाजपा और उसके सहयोगी दलों के लिए चौथा चरण काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि 2014 में इन 72 सीटों में से 56 पर एनडीए को जीत मिली थी। इसके अलावा 16 सीटों में से 2 पर कांग्रेस, 6 पर टीएमसी, 6 पर बीजू जनता दल और 2 पर अन्य की जीत हुई थी।
हालांकि, अन्य राज्यों में वोटिंग परसेन्टेज में ज्यादा बदलाव नहीं देखने को मिला है। पश्चिम बंगाल में 2014 की तुलना में पहले चरण में मात्र 0.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है जबकि दूसरे चरण में 1.95%, तीसरे चरण में 0.79% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई लेकिन चौथे चरण में 2014 के मुकाबले 6.6% की कमी दर्ज की गई। चौथे चरण में बंगाल में कई जगहों पर हिंसा हुई। यूपी और बिहार में भी 2014 के मुकाबले 2019 में दो से तीन फीसदी अधिक वोटिंग हुई है। राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में भी इसबार वोटिंग परसेन्टेज बढ़ा है।
29 अप्रैल को चौथे चरण में 9 राज्यों की 72 संसदीय सीटों पर मतदान हुआ। इनमें से महाराष्ट्र की 17, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की 13-13, पश्चिम बंगाल की 8, मध्य प्रदेश एवं ओडिशा की 6-6, बिहार की 5 और झारखंड की 3 सीटें शामिल हैं।

