कर्नाटक चुनाव में हुबली धारवाड़ सेंट्रल सीट पर सभी की नजर बनी हुई है। इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प इसलिए बन गया है क्योंकि जगदीश शेट्टार को कांग्रेस ने यहां से अपना उम्मीदवार बनाया हुआ है। कुछ दिनों पहले तक जगदीश शेट्टार बीजेपी की तरफ से बैटिंग कर रहे थे, लेकिन टिकट ना मिलने की वजह से कांग्रेस में चले गए। इस बार बीजेपी ने इस सीट से महेश तेंगिनाकाई को उतारा है, लिंगायत समुदाय के नेता हैं और इलाके में मजबूत पकड़ रखते हैं।

ये सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है और यहां पर कुल 2,48,904 रजिस्टर्ड वोटर हैं। यहां भी 24 हजार से ज्यादा अनुसूचित जाति के लोग हैं और 21 फीसदी मुस्लिम आबादी है। पिछले चुनाव में जगदीश शेट्टार ने ही इस सीट से ताल ठोकी थी और बड़ी जीत भी दर्ज की। तब शेट्टार ने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस के डॉ महेश नलवाड़ को 21,306 के बड़े अंतर से हरा दिया था। उस चुनाव में शेट्टार ने अपने लिए 75,794 वोट हासिल किए थे।

लेकिन इस बार सीट पर समीकरण बदल गए हैं, शेट्टार का बीजेपी से जाना लिंगायत समुदाय को भी कन्फ्यूज कर गया है। ये वोटर इस सीट पर भी निर्णायक भूमिका निभाता है, लेकिन अब जब वे खुद कांग्रेस में चले गए हैं, ऐसे में बीजेपी के सामने चुनौती बड़ी है। इसी वजह से बीजेपी ने लिंगायत समुदाय के ही महेश तेंगिनाकाई को मौका दिया है। वे भी बीजेपी के ही पुराने सिपाही हैं और पिछले दो दशक से पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर भी उनकी पहचान है।

वैसे इसी सीट से इस बार जनता दल (सेक्युलर) ने सिद्धलिंगेशगौड़ा ओडेयार को मौका दिया है और आम आदमी पार्टी ने विकास सोपिन चुनावी मैदान में उतार दिया है। लेकिन जानकार मानते हैं कि इस सीट पर कांग्रेस बनाम बीजेपी का मुकाबला ज्यादा रहने वाला है।

कर्नाटक चुनाव की बात करें तो 10 मई को वोटिंग होने वाली है और 13 मई को नतीजे आएंगे। वर्तमान में राज्य में बीजेपी की सरकार है और बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. उस समय बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसके खाते में 104 सीटें गई थीं, कांग्रेस की बात करें तो उसका आंकड़ा 80 पहुंच पाया था और जेडीएस को 37 सीटों के साथ संतुष्ट करना पड़ा था।