Kairana Uttar Pradesh Lok Sabha Election Results 2019: मुस्लिम और जाट बाहुल्य संसदीय क्षेत्र कैराना में बीजेपी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह ने जीत हासिल की है। कैराना सीट का इतिहास रहा है कि यहां से कोई भी प्रत्याशी 2 बार से ज्यादा जीत हासिल नहीं कर सका। यहां के सबसे तेज LIVE Result चेक करने के लिए Election Commission की आधिकारिक वेबसाइट्स eciresults.nic.in या ceouttarpradesh.nic.in पर विजिट कर सकते हैं।
2019 Lok Sabha Election Result: चुनाव की हर खबर जानें सिर्फ एक क्लिक में
2014 में बीजेपी, 2018 में आरएलडी: 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हुकुम सिंह ने कैराना सीट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, उनकी मौत के बाद यहां उपचुनाव हुए, जिसमें बीजेपी ने हुकुम सिंह की बेटी मृगांका पर दांव खेला, लेकिन वह आरएलडी की तबस्सुम हसन से हार गई थीं।
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Kairana Election Chunav Results 2019 Today Live Counting Updates: यहां देखें यूपी के कैराना लोकसभा सीट का हर अपडेट
उत्तर प्रदेश के कैराना सीट से इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। दरअसल सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन की ओर तबस्सुम हसन मैदान में हैं। तो वहीं बीजेपी ने प्रदीप चौधरी पर दांव खेला है।
समाजवादी पार्टी की तबस्सुम बेगम खान को 454784 वोट, बीजेपी के प्रदीप कुमार को 537087 वोट।
बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप चौधरी आगे चल रहे हैं।
प्रदीप भाजपा 175804
तबस्सुम सपा 144496
हरेंद्र कांग्रेस 23264
कैराना लोकसभा सीट की दोपहर एक बजे तक की स्थित भाजपा के प्रदीप चौधरी-227350 सपा की तबस्सुम हसन-208514 कांग्रेस के हरेन्द्र मलिक-37361
कैराना में गठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन करीब 2200 मतों से आगे
उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट सामान्य वर्ग लिए आरक्षित है। यह एक ग्रामीण संसदीय क्षेत्र है जहां साक्षरता दर 67.21% है. 2014 के डेटा के मुताबिक, यहां 8,40,629 पुरुष और 6,91,073 महिला मतदाता हैं। यहां अनुसूचित जाति की आबादी 15.64% है और अनुसूचित जनजाति 0.01% है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट 1962 अस्तित्व में आई थी। बता दें कि पहले ही चुनाव में इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी। उसके बाद इस सीट पर सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी और कांग्रेस के पास ही रही। लेकिन 1996 में इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की, 1998 में भारतीय जनता पार्टी, फिर लगातार दो बार राष्ट्रीय लोक दल, 2009 में बहुजन समाज पार्टी और 2014 में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. 2018 में जब उपचुनाव हुए तो बीजेपी को हार का स्वाद चखना पड़ा था।
बता दें कि 2014 के लोक चुनाव में इस सीट पर 73.08 फीसदी वोटिंग हुई थी जिसमें बीजेपी के हुकुम सिंह जीतने में कामयाब रहे थे। लेकिन उनके निधन के बाद 2018 में उपचुनाव हुए जिसमें 58.20 फीसदी वोट पड़े थे। आरएलडी के तबस्सुम हसन 51.26 फीसदी (4,81,181) वोट मिले थे और उनके निकटतम बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह को 46.51 फीसदी (4,36,564) वोट मिले थे। इस तरह से तबस्सुम हसन ने 44,618 से जीत हासिल की थी।
कैराना में गठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन करीब 2200 मतों से आगे हैं।
एबीपी न्यूज के मुताबिक उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर स्मृति ईरानी राहुल गांधी से आगे चल रही हैं।
एबीपी न्यूज पर बताए रूझान के मुताबिक एबीपी एक सीट पर आगे
कौन हैं प्रमुख दावेदार: सामान्य वर्ग वाली इस सीट पर यूं तो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदीप चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं, जिनका मुख्य मुकाबला सपा के तबस्सुम हसन और कांग्रेस के चौधरी हरेंद्र मलिक से हैं. इस सीट से कुल 13 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं।
कैराना सीट पर वोटिंग पहले चरण में 11 अप्रैल को हुई थी, इस सीट पर 67.46 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। कैराना लोकसभा सीट पर कुल 1661963 मतदाता हैं, जिनमें से 1121221 लोगों ने वोट डाला है।
2014 में कैराना पर बीजेपी प्रत्याशी हुकुम सिंह ने जीत दर्ज की थी। लेकिन उनकी मौत के बाद दोबारा हुए चुनाव में उनकी बेटी हार गई थी। ऐसे में 2019 में कौन जीतेगा यह एक बड़ा सवाल है।