गोवा में सत्तारूढ़ बीजेपी के मंत्री माइकल लोबो व पार्टी के एक अन्य विधायक प्रवीण जान्त्ये ने अगले महीने होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, भाजपा की गोवा इकाई का कहना है कि इससे 14 फरवरी को होने वाले चुनाव में पार्टी की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि कुछ दलबदलू सुशासन के एजेंडे को प्रभावित नहीं कर सकते। उन्होंने विश्वास जताया कि गोवा की जनता एक बार फिर उनकी पार्टी के लिए मतदान कर उसे एक और कार्यकाल के लिए सत्ता में लाएगी।
कलंगुट विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे और राज्य बंदरगाह तथा अपशिष्ट प्रबंधन विभागों का प्रभार संभाल रहे लोबो ने आज सुबह अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ गोवा विधानसभा के अध्यक्ष को भेज दिया। सूत्रों के अनुसार वह कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने दोनों पद से इस्तीफा दे दिया है। मैं देखूंगा कि आगे मुझे क्या कदम उठाने हैं। मैंने भाजपा से भी इस्तीफा दे दिया है।
कांग्रेस में शामिल होने की संभावनाओं पर लोबो ने कहा कि उनकी अन्य राजनीतिक दलों से बातचीत चल रही है। उन्होंने दावा किया कि लोग इस तटीय राज्य में भाजपा के शासन से नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने मुझसे कहा कि भाजपा अब आम लोगों की पार्टी नहीं रही। जमीनी स्तर के कार्यकर्ता महसूस कर रहे हैं कि पार्टी अनदेखी कर रही है।
Bharatiya Janata Party is a big family that continues to serve the motherland with full devotion! A few defections, to fulfil the agenda of greed and personal interests cannot deter our agenda of Good Governance. 1/2
— Dr. Pramod Sawant (Modi Ka Parivar) (@DrPramodPSawant) January 10, 2022
Goan people have seen BJP’s governance and development model for a decade and I am sure that they will give us another term in their service. Jai Hind, Jai Goa. 2/2
— Dr. Pramod Sawant (Modi Ka Parivar) (@DrPramodPSawant) January 10, 2022
इसके कुछ ही घंटे बाद माइम से विधायक जान्त्ये ने भी भाजपा और राज्य विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के कहने पर भाजपा में शामिल हुए थे। पर्रिकर के निधन के बाद उन्हें पार्टी में दरकिनार कर दिया गया था। उन्होंने यह दावा भी किया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में बेरोजगारी की समस्या है और राज्य सरकार ने उस ओर ध्यान नहीं दिया।
उधर, मुख्यमंत्री सावंत ने ट्वीट किया कि भारतीय जनता पार्टी एक बड़ा परिवार है जो पूरे समर्पण के साथ लगातार मातृभूमि की सेवा कर रहा है। लोभ और निजी स्वार्थ के एजेंडा को पूरा करने के लिए कुछ लोगों का छोड़कर जाना हमें सुशासन के एजेंडे से नहीं डिगा सकता। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, कि गोवा के लोगों ने भाजपा के शासन और विकास के मॉडल को एक दशक से देखा है और मुझे विश्वास है कि वे हमें एक बार और अपनी सेवा का अवसर देंगे। जय हिंद, जय गोवा।
ध्यान रहे कि पिछले विधानसभा चुनाव में गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन पूर्ण बहुमत से दूर रह गयी और सरकार बनाने में विफल रही। तब भाजपा ने कुछ क्षेत्रीय दलों और निर्दलियों के साथ साझेदारी से सरकार बनाई थी। इस समय राज्य में कांग्रेस के केवल दो विधायक हैं।