गोवा विधानसभा चुनाव में इस बार राजनीतिक दलों ने नेताओं के साथ-साथ उनके परिवार पर भी खूब भरोसा जताया है। गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में 35 फ़ीसदी सीटों पर 7 परिवारों के लोग चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी ने दो विधायकों की पत्नियों को भी टिकट दिया है तो वहीं एमजीपी ने दो भाइयों पर भरोसा जताया है। टीएमसी और कांग्रेस ने भी नेताओं के परिवार पर भरोसा जताया है।

बीजेपी ने स्वास्थ मंत्री की पत्नी को भी टिकट दिया है: गोवा में बीजेपी ने स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे की पत्नी को भी टिकट दिया है। बता दें कि विश्वजीत राणे गोवा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं और पार्टी ने उन्हें वलपोई विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। जबकि उनकी पत्नी दिव्या राणे को पोरिएम विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। वहीं बीजेपी ने अटानसियो मोनसेराटे को पणजी विधानसभा क्षेत्र से जबकि उनकी पत्नी जेनिफर को तालेगाव सीट से उम्मीदवार बनाया है।

माइकल लोबो और उनकी पत्नी को कांग्रेस ने दिया टिकट: वहीं परिवारों को टिकट देने में कांग्रेस भी पीछे नहीं रही है। कांग्रेस ने गोवा विधानसभा चुनाव में लोबो दंपती को भी मैदान में उतारा है। बता दें कि माइकल लोबो और उनकी पत्नी डेलिया बीजेपी में थी, लेकिन अब दोनों ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। बीजेपी ने माइकल लोबो की पत्नी को टिकट देने से मना कर दिया था जिसके बाद माइकल लोबो अपनी पत्नी समेत बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

बीजेपी और कांग्रेस के अलावा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी ने भी धावलीकर भाइयों को मैदान में उतारा है। एमजीपी ने रामकृष्ण और उनके भाई पांडुरंग को भी टिकट दिया है। जबकि तृणमूल कांग्रेस ने किरण कंडोलकर और उनकी पत्नी कविता कंडोलकर को उम्मीदवार बनाया है। साथ ही टीएमसी ने बाप-बेटे को भी मैदान में उतारा है। टीएमसी ने गोवा के चर्चित नेता चर्चिल और उनके बेटे वालंका अलेमाओ को भी उम्मीदवार बनाया है।

बता दें कि टीएमसी नेता चर्चिल कहते हैं कि मुझे नहीं समझ आता कि क्यों सब लोग नेताओं से सवाल पूछते हैं। जबकि डॉक्टर अपने बेटे को अपने पद चिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित करता है। बता दें कि गोवा विधानसभा चुनाव के लिए आज सभी 40 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे।