लोकसभा चुनाव में पांचवें चरण में एक बार फिर ज्यादा मतदान देखने को मिला है। चुनाव आयोग ने जो आंकड़े अभी जारी किए हैं, उसके मुताबिक पांचवें चरण में 62.15% वोटिंग हुई है, ये 2019 के चुनाव की तुलना में ज्यादा है। पिछले लोकसभा चुनाव में 61.82% मतदान देखने को मिला था।

कश्मीर की वोटिंग देश को दिखा रही आईना

इस बार जो पांचवें चरण में वोटिंग हुई है, सबसे उत्साहजनक रुझान जम्मू-कश्मीर से देखने को मिले हैं जहां पर एक बार फिर मतदान में भारी उछाल देखने को मिला है। अभी तक के आंकड़े बताते हैं कि बारामूला में 24 फीसदी का उछाल आया है, इस बार वहां पर  59.1% वोटिंग हुई है। ये अपने आप में काफी निर्णायक है क्योंकि पिछली बार बारामूला में 34.3% मतदान हुआ था। जानकार मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर में जो इस बार ज्यादा वोटिंग हो रही है, उसका असर भी फाइनल आंकड़ों पर पड़ रहा है।

कम मतदान कहां हुआ?

वैसे पांचवें चरण में जम्मू-कश्मीर के अलावा महाराष्ट्र में 56.89%, ओडिशा में 73.11%, लद्दाख में 69.62% मतदान देखने को मिला है। वही पिछली बार की तुलना में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में कुछ कम मतदान हुआ है। बड़ी बात ये है कि यूपी और बिहार में अभी भी मतदान बढ़ने की संभावना है, यानी कि इन राज्यों में वोटिंग की प्रतिशत और बेहतर हो सकती है।

हर चरण कितना मतदान हुआ?

अगर बात चौथे चरण की करें तब भी 2019 की तुलना में ज्यादा मतदान हुआ था। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक चौथे चरण में 96 सीटों पर 69.16 फीसदी मतदान हुआ था, वहीं 2019 में वो आंकड़ा 68.80 प्रतिशत था। अगर बाकी चरणों की बात करें तो पहले चरण में 66.14 फीसदी मतदान हुआ जो 2019 की तुलना में 3 फीसदी तक कम था। दूसरे चरण की बात करें तो तब 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ था, 2019 में आंकड़ा 69.43 फीसदी था। तीसरे चरण में 65.68 फीसदी वोटिंग हुई, वहीं 2019 में 66.58 प्रतिशत हुई थी।

विवाद किस बात को लेकर है?

अब देखने वाली बात ये है कि 2019 और 2024 के वोटिंग प्रतिशत का अंतर हर बीतते चरण के साथ कम होता जा रहा है। बड़ी बात ये है कि जम्मू-कश्मीर में तो बड़े जंप देखने को मिल गया है। वैसे अब मतदान तो बढ़ रहा है, लेकिन विवाद का विषय ये है कि जो आंकड़े जारी हो रहे हैं, उनमें बदलाव देखने को मिल जाता है। पहले जो आंकड़ा जारी होता है और बाद में जो आंकड़ा आता है, उसमें बदलाव देखने को मिल रहा है।

चुनाव आयोग क्या सफाई दे रहा?

इससे पहले दो चरणों को लेकर ऐसे ही आंकड़ों में बदलाव देखने को मिला था। उस बदलाव ने ही विपक्ष के मन में संशा पैदा की थी कि ईवीएम के साथ खेल किया जा रहा है, चुनाव आयोग देर से आंकड़ा जारी कर ठीक नहीं कर रहा। लेकिन बाद में चुनाव आयोग ने खुद सफाई देते हुए कहा था कि दूर दराज के इलाकों में जो वोटिंग होती है, वहां से वोटिंग के आंकड़े देर से आते हैं।