उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी गठबंधन को सत्ताधारी भाजपा के सामने करारी हार का सामना करना पड़ा है। सपा की सहयोगी पार्टी सुभासपा को 6 सीटों पर जीत हासिल हुई है और पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर जहूराबाद से चुनाव जीतने में सफल रहे। चुनाव जीतने के बाद ओपी राजभर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जहूराबाद की जनता ने 5 साल विधायक बनने का मौका दिया है। उन्होंने कहा कि यहां की जनता ने अपनी मौलिक सुविधाओं के लिए सोचा और उनको जीत दिलाई जिसके लिए वे पांच साल लड़ते रहे।

एबीपी गंगा से बात करते हुए ओपी राजभर ने चुनाव के नतीजों पर कहा कि वे पहले चरण के बाद ही समझ गए थे कि हार गए हैं। उन्होंने कहा, ‘लेकिन पहले कैसे कह देते।” वहीं, अपने बयानों पर राजभर ने कहा कि 6 चरण के चुनाव बाकी थे, इसलिए ये सब कहते थे। सुभासपा प्रमुख ने कहा, “मरीज की मौत के बाद भी डॉक्टर साथ वाले को यह नहीं कहता कि उसकी मौत हो गई। अपनी कोड भाषा में वार्ड ब्वाय को वह बता देता है।”

इस बीच, ओपी राजभर का एक ‘अंकगणित’ भी सामने आया है जिसके दम पर वे चुनाव जीतने का दावा कर रहे थे। एबीपी न्यूज से बातचीत के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या तीन जातियां मिलकर सपा गठबंधन की सरकार बना देंगी? इस पर राजभर ने जवाब दिया था, “पूर्वांचल की बात करते हैं तो 19 फीसदी मुसलमान और 12 फीसदी यादव.. ये मिलाकर 31 फीसदी हो गया। इसमें 12 फीसदी राजभर जोड़ लीजिए।”

सुभासपा प्रमुख ने कहा, “हम 4 फीसदी हैं 100 सीटों पर और 400 सीटों पर हमारा प्रतिशत निकाला जाता है। अगर 100 सीट का आएगा तो 12 फीसदी। तो 31 और 12 जोड़ लीजिए, कितना हो गया? हम कहां हार रहे हैं। इसके अलावा शेष में 15 फीसदी वोट बसपा का मान लेते हैं। 4 फीसदी कांग्रेस का वोट मान लेते हैं। एक फीसदी अन्य का, इसके बाद कितना वोट बच गया?”

वहीं, विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद मीडिया से बात करते हुए राजभर ने कहा, “हम शिक्षा, स्वास्थ्य, आवारा पशु, रोजगार के मुद्दे पर लड़े। हर पार्टी, हर मोर्चा प्रयास करता है कि हम सरकार बनाएं। कहीं न कहीं हमारी कोई कमी रह गई है, एक मुहावरा है कि असफलता इस बात का द्योतक है कि सफलता के लिए पूरे मन से प्रयास हमने नहीं किया, कहीं न कहीं हमारी कमजोरी रह गई कि जनता के बीच हम अपने विचार को, अपनी सोच को नहीं पहुंचा सके। इस पर फिर से हम अध्ययन करेंगे और विचार करेंगे।”