Sikkim Assembly Election 2019: देश के हिमालयी क्षेत्र के सुंदर पहाड़ी राज्य सिक्किम में 25 साल बाद सत्ता परिवर्तित हो गई है। 23 मई को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव 2019 में यहां नया जनादेश आया। राज्य में लगातार 25 सालों तक शासन करने वाला सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) सत्ता से बाहर कर दिया गया। नए दल सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) को जीत मिली। विधान सभा की कुल 32 में 17 सीटें एसकेएम के खाते में आईं जबकि सत्ताधारी एसडीएफ को 15 सीटें ही मिलीं। इस तरह सिक्किम की जनता ने, देश में रिकॉर्ड लगातार पांच बार और सबसे ज्यादा दिनों तक मुख्यमंत्री बने रहने वाले पवन कुमार चामलिंग और उनके एसडीएफ की विदाई कर दी।
प्रशांत सिंह तामांग उर्फ पीएस गोले के एसकेएम के पक्ष में जनादेश आया है। सिक्किम की एकमात्र लोकसभा सीट भी जनता ने एसकेएम के ही इंद्र हंग सुब्बा को सौंपी है। सिक्किम विधानसभा में पवन कुमार चामलिंग के एसडीएफ को 2004 में 32 में 31 और 2009 में तो सारी की सारी 32 सीट ही मिली थी। लेकिन 2014 में 22 सीटें ही मिल पाईं। तब पीएस गोले के एसकेएम ने पहली बार चुनाव लड़ते हुए 10 सीटें हथिया ली थी। इस बार तो सत्ता ही छीन ली।

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उल्लेखनीय है कि पीएस गोले कभी पवन चामलिंग के बड़े नजदीकी हुआ करते थे। 5 फरवरी 1968 को जन्मे पीएस गोले 1990 में सरकारी शिक्षक बने और 1993 में नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गए। पवन चामलिंग के एसडीएफ से जुड़ कर ही उन्होंने राजनीति की शुरुआत की।
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1994, 1999, 2004 और 2009 में एसडीएफ के टिकट पर विधायक रहे। उस दौरान उन्होंने कई विभागों में मंत्री पद भी संभाला। एसडीएफ के उपाध्यक्ष और प्रदेश युवा संयोजक भी रहे। एसडीएफ में उन्होंने बड़ी तेजी से तरक्की की।